9 जिला में जब्त विदेशी शराब की मुजफ्फरपुर में होगी जांच
9 जिला में जब्त विदेशी शराब की मुजफ्फरपुर में होगी जांच
मुजफ्फरपुर शहर के छाता चौक स्थित उत्पाद थाना भवन में अब अगले सप्ताह से तिरहुत व सारण प्रमंडल के नौ जिलों में पकड़ी जाने वाली विदेशी शराब की सैंपल की जांच की जाएगी . इसके लिए उत्पाद थाना के सेकंड फ्लोर पर क्षेत्रीय उत्पाद परीक्षण केंद्र खुल रहा है. इसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. मुख्यालय से शराब की गुणवत्ता की जांच के लिए डिवाइस व मशीन पहुंच चुकी है. इंस्टॉलेशन का कार्य अंतिम चरण में है. बीते सोमवार को पटना से उत्पाद रसायन परीक्षक सुबोध कुमार यादव के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम मुजफ्फरपुर आयी थी. यहां उत्पाद थाना भवन में बन रहे क्षेत्रीय उत्पाद रसायन परीक्षण केंद्र का निरीक्षण किया था. इसको अगले सात दिनों में चालू करने का निर्देश दिया था. इस सेंटर के शुरू होने के बाद अब नौ जिले तिरहुत प्रमंडल के मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, वैशाली और सारण प्रमंडल के गोपालगंज, सिवान व सारण जिले में जब्त होने वाली विदेशी शराब के सैंपल की 24 घंटे के अंदर में जांच कर ली जाएगी. बताया जाता है कि शराब की गुणवत्ता की जांच के लिए जांच के लिए जांच मशीन व डिवाइस लगाया गया है उसकी कीमत लाखों में हैं.उत्पाद निरीक्षक शिवेंद्र कुमार ने बताया कि अगले सप्ताह से क्षेत्रीय उत्पाद रसायन परीक्षण केंद्र काम करना शुरू कर देगा. इसको लेकर मुख्यालय से सारा डिवाइस व मशीन आ गया है. फर्श पर स्लैब ढालने का कार्य भी पूरा कर लिया गया है. शराब की सैंपल की जांच के लिए चार से पांच की संख्या में वैज्ञानिकों की टीम रहेगी. हालांकि, उनकी मुख्यालय से पोस्टिंग होने के बाद ही स्ट्रेंथ की सही जानकारी मिल पाएगी. इस लैब में विदेशी शराब व संदिग्ध रसायन की जांच की जाएगी. इसमें जब्त नकली शराब भी शामिल है. बताया जाता है कि इस सेंटर से नौ जिलों में जब्त औसतन 900 कांडों के शराब की सैंपल की जांच होगी. पटना- गन्नीपुर एफएसएल जाता सैंपल पहले विदेशी शराब व संदिग्ध रसायन की जांच के लिए पटना एफएसएल व गन्नीपुर स्थित आरएफएसएल में जांच के लिए सैंपल भेजा जाता था. जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिपोर्ट आने में तीन से चार दिन तक का समय लग जाता था. अब मुजफ्फरपुर में लैब खुलने के बाद सेम डेट में शराब की सैंपल की जांच हो जाएगी. इससे समय पर केस का अनुसंधान पूरा होगा. साथ ही शराब माफियाओं पर शिकंजा कसने में सहुलियत मिलेगी.