मुजफ्फरपुर. मुजफ्फरपुर के व्यापारी गोरखपुर से मुंबई और देश के अन्य शहरों में लीची भेज रहे है. इसके लिये वाहनों से लीची पहले गोरखपुर भेजते है, उसके बाद गोरखपुर जंक्शन से अन्य शहरों के लिये लीची रवाना हो रही है. हालात यह है कि बीते 4 दिनों से हर दिन 10 टन के करीब मुजफ्फरपुर की लीची गोरखपुर से लोड हो रही है. बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि मुजफ्फरपुर से पवन एक्सप्रेस में एक पार्सल वैन की व्यवस्था है. जिसकी क्षमता 23 से 24 टन के बीच है. जंक्शन पर हाल के दिनों में 30 से 32 टन लीची रोज पहुंच रही है. पार्सल वैन फुल हो जाने के बाद व्यापारियों को लीची वापस लेकर लौटना पड़ रहा है. यहीं वजह है, कि वर्तमान में जिले के चार व्यापारी गोरखपुर से मुंबई सहित अन्य जगहों पर लीची भेज रहे है. इसके साथ ही समस्तीपुर से भी अधिकांश व्यापारी लीची लोड कर रहे है. जिसमें व्यापारियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. मांग किये जाने के बाद भी नहीं मिला एसएलआर लीची सीजन के शुरुआती समय में ही पवन एक्सप्रेस से एसएलआर को हटा दिया गया. इस एसएलआर को समस्तीपुर से जोड़ा गया. संघ की ओर से बताया गया कि तीन से चार टन लीची एसएलआर में भी लोड हो जाती है. मामले में लीची उत्पादक संघ के सलाहकार कृष्ण गोपाल सिंह ने बताया कि पवन एक्सप्रेस में एसएलआर मुजफ्फरपुर से बहाल करने के लिये मांग की गयी. लेकिन इसे अब तक पूरा नहीं किया गया है. प्रति किलो लीची पर हवाई किराया में थोड़ी राहत दरभंगा एयरपोर्ट से मुंबई के लिये लगातार लीची एक्सपोर्ट किया जा रहा है. बिहार लीची उत्पादक संघ की ओर से हवाई किराये में राहत की मांग की गयी थी. जिसमें एक कंपनी ने इस पर सहमति जतायी है. मामले में संघ के सलाहकार ने बताया कि प्रति किलो लीची में 7 रुपये की राहत हुई है. पहले पचास रुपये थी, अब 43 रुपये प्रति किलो हो गयी है. हालांकि यह राहत 500 किलो से अधिक की मात्रा के लिये मान्य होगा. दूसरी ओर इस बार बैंगलुरु के लिये एक भी फ्लाई दरभंगा से नहीं मिली. संघ के अध्यक्ष ने बताया कि इस बार कई कई कारणों से लीची जिस अनुपात में देश के अलग-अलग कोणों में जानी चाहिये, उतनी नहीं जा सकी.
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