शतरंज की बिसात पर नन्हे-मुन्नों ने दी शह व मात

शतरंज की बिसात पर नन्हे-मुन्नों ने दी शह व मात

By Prabhat Khabar News Desk | August 30, 2024 9:13 PM

मुजफ्फरपुर.आंखें रानी पर और चाल ऊंट की, एकाग्रता और स्थिरता के साथ दो उंगलियों को घुमाया और दे दी चेक-मेट. केंद्रीय विद्यालय सीआरपीएफ झपहां में राष्ट्रीय खेल दिवस का समापन शतरंज की स्पर्धा के साथ हुआ. कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य मंजू देवी सिंह ने की. खिलाड़ी साक्षी के साथ शतरंज की चाल चलकर उन्होंने प्रतियोगिता शुरू की. इसके बाद 7वीं की श्रीयांशी ने गणेश वंदना से सबका मन मोह लिया. मंच संचालन शारीरिक शिक्षक अरविंद कुमार ने किया. छोटे-छोटे बच्चों की शतरंज की चाल सबको हैरत में डाल रही थी. वह अपनी नजर कहीं रखते और चाल कोई दूसरी चल रहे थे. उन्हें शतरंज खेलता देख उनकी गंभीरता पता चल रही थी. यह खेल दिमाग, धैर्य का है, जो बच्चों के विकास में बहुत सहायक होता है. 7 से 10 साल तक के बच्चे को कम से कम तीन साल तक शतरंज जरूर खेलना चाहिए. इससे उनकी बुद्धि तीव्र होती है. कार्यक्रम में छठवीं से दसवीं तक के बालक वर्ग में 35 व बालिका वर्ग में 25 बच्चों ने प्रतिभाग किया.

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