ऑनलाइन डॉक्टर का नंबर लगाने में गंवा दिये 2.87 लाख रुपये

ऑनलाइन डॉक्टर का नंबर लगाने में गंवा दिये 2.87 लाख रुपये

By Prabhat Khabar News Desk | November 29, 2024 10:08 PM

=जालसाज ने अतरदह रोड के डॉक्टर के यहां दिखाने का दिया था झांसा=सदर थाने में केस दर्ज, डॉक्टर काे सर्च करने पर ठगों ने बनाया शिकार

मुजफ्फरपुर.

सदर थाना क्षेत्र के मझौलिया खेतल इलाके के अमरेश कुमार को ऑनलाइन डॉक्टर के यहां नंबर लगाना महंगा पड़ गया. साइबर अपराधियों ने उनके खाते से 2.87 लाख रुपये की निकासी कर ली. उन्होंने थाने में केस दर्ज कराया है. कहा है कि अतरदह रोड के एक नामचीन डॉक्टर के यहां दिखाने के लिए नंबर लगाने के लिए ऑनलाइन सर्च कर रहे थे. उन्हें डॉक्टर का नाम सर्च करने पर एक मोबाइल नंबर मिला. जब उन्होंने उसपर कॉल किया तो कहा गया कि वाट्सएप पर भेजे गये लिंक पर मरीज का नाम व पता लिखकर दें. इसके बाद 10 रुपये का भुगतान ऑनलाइन करना होगा. भुगतान करने के बाद उनकी बारी कंफर्म हो जायेगी. जब उन्होंने लिंक पर क्लिक कर ब्योरा भर कर 10 रुपये का भुगतान किया तो संदेह हुआ कि फी के रूप में 10 रुपये ही क्यों लिए गये. डॉक्टर का शुल्क अधिक है.इसके बाद उन्होंने संदिग्ध का नंबर ब्लॉक कर दिया, लेकिन तबतक साइबर अपराधी उनके खाते में सेंध लगा चुका था. अमरेश के नंबर पर अचानक पैसा निकासी का मैसेज आने लगा. जबतक उन्होंने अपना खाता बंद कराया, तबतक 2.87 लाख रुपये की निकासी हो चुकी थी. उन्होंने साइबर क्राइम पोर्टल और इसके बाद थाने में शिकायत की है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.

छात्रा को टेक्सट मैसेज भेजकर दिया झांसा, ठगे 15 हजार

मुजफ्फरपुर. काजीमोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के सादपुरा इलाके में रहने वाली एक छात्रा से साइबर ठगों ने 15 हजार रुपये की ठगी की. छात्रा ने इसको लेकर साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत की है. प्राथमिकी के लिए काजीमोहम्मदपुर थाने में आवेदन दिया है. कहा है कि उसके पिता बैंक में कार्यरत हैं. उसके नंबर पर फोन आया कि उनके पिता ने कहा है कि उसके खाते पर 15 हजार रुपये भेज दें. इसके लिए उसने छात्रा का यूपीआइ आइडी ले लिया. इसके कुछ देर बाद छात्रा के मोबाइल पर एक फर्जी ट्रांजेक्शन आइडी के साथ 12 हजार रुपये का मैसेज टाइप करके भेज दिया. साथ ही इसके कुछ ही देर बाद एक और मैसेज भेजा.

कुल 15 हजार रुपये भेज दिये

इसमें 30 हजार रुपये भेजे जाने का विवरण था. इसके बाद उसने कॉल कर बताया कि तीन की जगह 30 हजार रुपये चला गया है. शेष 27 हजार रुपये वह लौटा दे. छात्रा ने मैसेज देखकर मान लिया कि पैसे सही में भेजे गये हैं. इसके बाद उसने दो-तीन बार में उसके खाते पर कुल 15 हजार रुपये भेज दिये. जब उसने पिता से यह बात पूछी तो उन्होंने इन्कार किया. ठगा महसूस होने पर उसने साइबर क्राइम पोर्टल व थाने में शिकायत की.

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