नेटवर्क मार्केटिंग के जाल में युवती को फंसा यौन शोषण करने का मुख्य आरोपी गोरखपुर से गिरफ्तार
Main accused of sexually exploiting woman arrested in Gorakhpur
जिला पुलिस की विशेष टीम ने पीड़ित युवती से पूछताछ के आधार पर की कार्रवाई
बखरी स्थित कंपनी के कार्यालय से पुलिस ने जब्त किया कागजात व हर्बल प्रोडक्ट
संवाददाता, मुजफ्फरपुरफोटो : दीपक 23
सिटी एसपी ने कहा कि डीबीआर कंपनी एक रजिस्टर्ड कंपनी है. यह नेशनल लेवल पर काम करती है. यह हर्बल प्रोडक्ट व मेडिसिन डिस्ट्रीब्यूटर से लेकर रिटेलर तक बेचती है. सिटी एसपी ने बताया कि इस कंपनी से लाखों लड़के- लड़कियां देश भर में जुड़े हुए हैं. इनको प्रोपर सैलरी देने की बात भी सामने आयी है. पिछले पांच से छह साल से कंपनी काम कर रही है. प्राथमिकी के बाद डीएसपी विनिता सिन्हा के नेतृत्व में पुलिस टीम बखरी स्थित कार्यालय पहुंची थी. जहां पिछले साल 19 मई 2023 को छापेमारी की गयी थी. वह कंपनी फंक्शनिंग नहीं थी. लेकिन, उसके लॉज के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था. वहां करीब 40 से 50 की संख्या में लड़के लड़कियां मिली. जिनका बयान दर्ज किया गया.
टारगेट पूरा नहीं करने पर सीनियर करते हैं मारपीट
गिरफ्तार तिलक कुमार सिंह से पुलिस ने लड़कियों व लड़के को बेल्ट से मारपीट के वायरल वीडियो के बारे में पूछताछ की तो उसने बताया कि कंपनी से जुड़े लड़के व लड़कियों को टारगेट दिया जाता था. जो टारगेट पूरा नहीं करता था या कामचोरी करता था. जिनका परफॉर्मेंस खराब रहता था. उसको कंपनी के सीनियर कर्मचारियों के द्वारा मारपीट की जाती थी. उनकी बेल्ट से पिटाई की जाती थी. सिटी एसपी ने बताया कि मारपीट के बिंदु पर अगल से जांच की जा रही है.कंपनी के सीएमडी पर भी दर्ज है पूर्व से एफआईआर
सिटी एसपी ने बताया कि कंपनी का सीएमडी मनीष सिन्हा नोएडा में रहता है. वह भी सिवान का रहने वाला है. उसके खिलाफ भी बीते वर्ष एफआईआर दर्ज हुई थी. यूपी के महराजगंज जिला के धुधरी थाना के भुवनी गांव निवासी ओंकार नाथ पांडेय के बयान पर अहियापुर थाने में यह प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इस मामले में पुलिस ने आठ को गिरफ्तार करके जेल भी भेजा था. वहीं, सीएमडी मनीष सिन्हा व मो. इरफान ने जमानत ले लिया था. जबकि, इस बार भी उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है. उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
एक साल तक नहीं आयी सामनेसिटी एसपी ने बताया की पिछले साल जब बखरी स्थित कंपनी के कार्यालय में रेड की थी. इसके बाद से सीवान की पीड़िता भी लापता हो गई थी. क्योंकि, उसे डर था कि वह भी न फंस जाये. उसने भी करीब 50 से 60 लड़के लड़कियों को कंपनी में जोड़ा था. रेड होने के बाद से वह भी गायब थी. लेकिन, एक साल बाद उसने मामला दर्ज करवाया है. उसके बयान के आधार पर कार्रवाई की जा रही है. इस पूरे मामले में जिनकी भी भूमिका होगी, उनकी गिरफ्तारी की जायेगी.
दूसरी लड़कियों से यौन शोषण का नहीं मिला प्रमाण
डीएसपी टू विनिता सिन्हा ने बताया कि पुलिस की अब तक की जांच में किसी भी लड़की से यौन शोषण का कोई प्रमाण या साक्ष्य नहीं मिला है. और ना ही कोई पीड़ित लड़की पुलिस के सामने आकर यौन शोषण का शिकार होने की बात कही है. सिवान की युवती ने तिलक कुमार सिंह पर शादी का झांसा देकर यौन शोषण का आरोप लगाया है. जब पीड़िता का बयान दर्ज किया तो उसने बताया कि दोनों एक ही कंपनी में कार्यरत थे. आरोपी ने उसको शादी का झांसा देकर यौन शोषण किया था. फिर, उसको हाजीपुर में ले जाकर गोपनीय तरीके से शादी की थी. कुछ दिनों तक हाजीपुर में रखा और फिर उसको पटना में बुलाकर उसके मोबाइल से शादी का सारा फोटो व अन्य जो भी सबूत थे. उसको डिलीट कर दिया. पुलिस का यह भी कहना है कि पीड़ित युवती आरोपी तिलक सिंह से शादी करने की जिद पर अड़ी थी. वह आरोपी के घर पर भी गयी थी. वहां पंचायत भी हुआ था. डीबीआर कंपनी में अब तक की जांच में किसी भी लड़की से यौन शोषण नहीं हुआ है. रांची के लड़की ने 11 लोगों पर दर्ज करायी थी प्राथमिकी सदर थाना क्षेत्र के गोबरसही डुमरी रोड में पिछले साल चार दिसंबर 2023 को पुलिस ने छापेमारी की थी. रांची के पाकुड़ जिले के पाकुड़िया थाना क्षेत्र की रहने वाली एक युवती के लिखित शिकायत पर यह कार्रवाई की गयी थी. इसमें पीड़िता ने सरकारी नौकरी के तर्ज पर नौकरी देने का झांसा देकर 20 हजार 600 रुपये लेकर ज्वाइन कराने और फिर बंधक बनाकर मारपीट करने का आरोप लगाया था. विरोध करने पर गैंगरेप की धमकी देने की भी बात कही थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है