दीना की पवित्रता बचाने के लिए सफर पर निकल पड़े थे इमाम हुसैन

कमरा मुहल्ले में नोरौज हुसैन मरहूम के अजाखाने में मजलिस

By Prabhat Khabar News Desk | July 9, 2024 8:50 PM

उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर मुहर्रम के मौके पर मंगलवार को कमरा मुहल्ले में नोरौज हुसैन मरहूम के अजाखाने में मजलिस हुई, जिसे खिताब करते हुए मौलाना सैयद मो बाकर ने कहा कि इमाम हुसैन ने 60 हिजरी में यजीद जैसे शासक की बैयत को ठुकरा दिया और मदीना के गवर्नर के सामने कहा कि वे यजीद की बात नहीं मान सकते. उन्होंने स्पष्ट कर दिया के जो इलाही नुमाइंदा होता है न वो दौलत की ताकत से प्रभावित होता है और न ही सत्ता की ताकत उसको डिगा सकती है. उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन ने खलीफा की बैयत का इंकार किया और मदीना की पवित्रता बचाने के लिए अपने अहले हरम के साथ सफर पर निकल पड़े. 28 रजब 60 हिजरी को निकला ये काफिला मुहर्रम की दो तारीख को कर्बला के मैदान में पहुंचा, जहां इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों ने जान की क़ुर्बानी पेश की. मौलाना ने कहा कि कर्बला की घटना का यह असर हुआ कि उसके बाद से किसी शासक में किसी इमाम से बैयत मांगने की हिम्मत नहीं हुई और इस घटना ने शरीयत की मुकम्मल रक्षा की. उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 2 मुहर्रम को इमाम हुसैन का काफिला कर्बला पहुंचा था और इमाम ने बनी असद के लोगो से वो जमीन खरीदी और फिर वहां खेमे लगवाये.

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