कुपोषण वाले बच्चे ज्यादा एइएस पीड़ित, उनका वजन भी कम

कुपोषण वाले बच्चे ज्यादा एइएस पीड़ित, उनका वजन भी कम

By Prabhat Khabar News Desk | June 25, 2024 2:18 AM

-डॉक्टरों ने दी रिपाेर्ट, कुपोषित बच्चे ज्यादा बने शिकार-आशा अब घर-घर जाकर कुपोषित बच्चों की पहचान करेंगी मुजफ्फरपुर. एसकेएमसीएच के पीकू में एइएस से पीड़ित होकर आये करीब छह बच्चे का वजन कम है. डॉक्टरों की मानें तो बच्चे कुपोषण के शिकार बताये गये हैं. चिकित्सकों की इस रिपोर्ट के बाद गर्मी में बच्चों के लिए जानलेवा बनी एइएस बीमारी से बचाव की कवायद तेज हो गई है. आशा अब घर-घर जाकर कुपोषित बच्चों की पहचान करेंगी. इसके बाद कुपोषित बच्चों को सदर अस्पताल स्थित जिला पोषण पुनर्वास केंद्र पर लाकर उनका इलाज कराया जाएगा. अतिगंभीर कुपोषित बच्चों पर सामान्य की तुलना में 9 से 11 गुना मृत्यु का खतरा अधिक होता है. पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की होने वाली मृत्यु का 45 फीसदी अतिगंभीर कुपोषण कारण होता है. डॉ. सतीश ने बताया कि आशा, आंगनबाड़ी सेविका के साथ मानक से कम वजन वाले नवजात बच्चों की भी सूची तैयार करेंगी. जिन बच्चों में लक्षण दिखाई देंगे उन्हें एएनएम की मदद से स्वास्थ्य केंद्र या पुनर्वास केंद्र रेफर किया जाएगा. यहां भर्ती होने वाले बच्चों के साथ उनकी माता की भी सेहत के लिए जरूरी दवा व खुराक दी जाएगी. ऐसे बच्चों को सही इलाज मिलने पर एइएस के दुष्प्रभाव से बचाया जा सकता है. ऐसे लक्षण वालों की होगी पहचान :- बीमार, सुस्त दिखाई देने वाले, स्तनपान न करने वाले या भूख की कमी, दोनों पैरों में सूजन, सांस का तेज चलना, छाती का धंसना, लगातार उल्टी व दस्त होना. मिर्गी या चमकी आना, तेज बुखार, शरीर ठंडा पड़ना, खून की कमी, त्वचा पर घाव व ऊपरी बांह की गोलाई 11.5 सेंटीमीटर से कम यदि ऐसे लक्षण बच्चे में दिखाई दें तो आशा एएनएम की मदद से उसको रेफर करा देंगी. इसके बाद उन्हें सदर अस्पताल परिसर स्थित पोषण पुनर्वास सेंटर लाया जाएगा. यहां भर्ती होने वाले बच्चों के साथ उनकी माताओं की सेहत के लिए जरूरी दवा व खुराक दी जायेगी.

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