सत्संग व कथा के माध्यम से भगवान की शरण में पहुंचता है मनुष्य
सरैया प्रखंड के रामपुर विश्वनाथ गांव में चल रहे दस दिवसीय श्रीश्री 1008 श्री शतचंडी महायज्ञ का शुक्रवार को समापन हो गया. अंतिम दिन हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं द्वारा देवी-देवताओं लगाये जा रहे जयकारे से क्षेत्र गुंजायमान हो उठा.
रामपुर विश्वनाथ गांव में 10 दिवसीय श्रीश्री 1008 श्री शतचंडी महायज्ञ का समापन प्रतिनिधि, सरैया प्रखंड के रामपुर विश्वनाथ गांव में चल रहे दस दिवसीय श्रीश्री 1008 श्री शतचंडी महायज्ञ का शुक्रवार को समापन हो गया. अंतिम दिन हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं द्वारा देवी-देवताओं लगाये जा रहे जयकारे से क्षेत्र गुंजायमान हो उठा. वहीं, वृंदावन से आयी कथावाचिका श्याम लाडली रिद्धिमा श्रीजी ने भागवत कथा सुनाते हुए कहा कि कलयुग में भागवत साक्षात श्रीहरि का रूप है. पवित्र हृदय से इसका स्मरण मात्र करने से करोड़ों पुण्यों का फल प्राप्त हो जाता है. इस कथा को सुनने के लिए देवी-देवता भी तरसते हैं और दुर्लभ मानव प्राणी को ही इस कथा का श्रवण लाभ प्राप्त होता है. सत्संग व कथा के माध्यम से मनुष्य भगवान की शरण में पहुंचता है, वरना वह इस संसार में आकर मोह माया के चक्कर में पड़ जाता है. इसीलिए मनुष्य को समय निकाल कर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए. वहीं बच्चों को संस्कारवान बनाकर सत्संग कथा के लिए प्रेरित करना चाहिए. कथा के दौरान कथावाचक ने गांव की दिवंगत महिला मंजूबाला द्वारा गांव के विकास के लिए किये गये कार्य की सराहना की. साथ ही लोगों को उनके किये गये कार्यों से प्रेरणा लेते हुए समाज की भलाई के लिए बेहतर कार्य करने की सलाह दी. मौके पर यज्ञाचार्य दिलीप मिश्रा, समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र त्रिवेदी, रामेश्वर गिरि, सेवानिवृत्त फौजी दिनेश सिंह, प्रभु पासवान, गौरी शंकर सिंह, गया सिंह, सुनील पासवान, मुखिया पति सुनील चौधरी, प्रमुख पति अशोक पासवान, आनंद कुमार, दिनेश गिरि, सहिन्द्र ठाकुर सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है