ललितांशु, मुजफ्फरपुर जंक्शन से दो कार्टन आम पार्सल के जरिये रानी कमलापति के लिये चली, कमलापति के बाजाये आम बैंगलुरू पहुंच गयी, उसके बाद आम को मुरुदेश्वर भेज दिया गया. ट्रेन में घुमते-घुमते आम 9 दिनों के बाद रानी कमलापती स्टेशन पर संबंधित व्यक्ति को डिलेवरी दी गयी. जो आम इतने दिनों में पक कर पूरी तरह से सड़ चुका था. अब इसको लेकर शिकायत के बाद अब क्षतिपूर्ति को लेकर बवाल मचा है. मामला मुजफ्फरपुर के रहने वाले ऋतिक राज ने गाड़ी संख्या-19484 बरौनी-अहमदाबाद ट्रेन के एसएलआर से आम भेजने के लिए 1 जुलाई को पार्सल किया. उसके बाद व्यक्ति के मोबाइल पर ट्रेन नंबर के साथ एसएलआर में आम लोड होने व 2 जुलाई को रानी कमलापति स्टेशन पर पहुंच जाने का मैसेज भी मिला. उसके बाद फिर 3 जुलाई को व्यक्ति के मोबाइल पर गाड़ी संख्या-16585 में आम लोड होने की सूचना मैसेज के जरिये मिली. यह ट्रेन बेंगलुरु से मुरुदेश्वर तक चलती है. इस अव्यवस्था के बाद व्यक्ति ने रेल मंत्रालय से लेकर रेलवे के अधिकारियों को ट्वीट कर कड़ी नाराजगी जतायी. डीआरएम स्तर से संज्ञान के साथ कार्रवाई का निर्देश मामले में शिकायत के बाद सबसे पहले डीआरएम सोनपुर की ओर से सही ट्रेन में एक जुलाई को पार्सल लोड होने के बारे में जानकारी दी गयी. लेकिन संबंधित को रानी कमलापति स्टेशन पर डिलेवरी नहीं होने पर रेलवे अधिकारियों के बीच हलचल बढ़ गयी. डीआरएम भोपाल की ओर से मामले में संज्ञान लिया गया. उसके बाद 7 जुलाई के आसपास भोपाल डिविजन की ओर से पार्सल प्राप्त करने को लेकर ऋतिक राज को सूचना दी गयी. उसके बाद पार्सल के रसीद की कॉपी व सड़े हुए आम के पैकेट की तस्वीर डाल कर व्यक्ति ने बताया कि इसकी क्षतिपूर्ति उन्हें चाहिए. शिकायत को फिर से दर्ज कर संबंधित अधिकारियों को आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
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