मुजफ्फरपुर.
सरकारी जमीन और रैयत की जमीन के अलावा सबसे ज्यादा जमीन मठ-मंदिरों की है. जिले में कई मठ-मंदिरों के पास हजारों एकड़ जमीन है. जमीन सर्वे के दौरान मठ, मंदिर, धर्मशाला की जमीन का सर्वे संबंधित मठ व मंदिर के नाम से होगा. सेवइत या पुजारी के नाम से सर्वे नहीं किया जायेगा. इसके लिए धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने जिलाधिकारी को पत्र लिख इस संबंध में अंचलाधिकारी को निर्देश देने को कहा है. राज्य में मठ और मंदिरों के पास 289 हजार एकड़ से अधिक जमीन का पता चला है. हालांकि, इसे एक अनुमान बताया जा रहा है. 500 के करीब ऐसे मठ और मंदिर हैं, जिसका निबंधन बोर्ड के पास नहीं है. उनके पास कितनी जमीन है, उसका कोई हिसाब नहीं है. अब तक जिन 21 जिलों ने इनकी जमीन से संबंधित ब्यौरा ऑनलाइन अपलोड भी किया है, वो आधा-अधूरा बताया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है