परिवार कल्याण कार्यक्रम में पुरुष पीछे, महिलाएं आगे

परिवार कल्याण कार्यक्रम में पुरुष पीछे, महिलाएं आगे

By Prabhat Khabar News Desk | August 11, 2024 9:02 PM

-नसबंदी कराने बस दो ही पुरुष आये, 818 महिलाओं का बंध्याकरण-पुरुषों से ज्यादा महिलाएं निभा रहीं सामाजिक जिम्मेदारी -परिवार नियोजन को लेकर आधी आबादी है सजग मुजफ्फरपुर. परिवार कल्याण कार्यक्रम में पुरुष पीछे हैं, वहीं महिलाएं आगे. आंकड़ाें के अनुसार, नसबंदी कराने बस दो ही पुरुष आगे आये हैं, वहीं 818 महिलाओं ने बंध्याकरण कराया है. जुलाई में जनसंख्या पखवाड़ा में अधिक महिलाओं ने बंध्याकरण कराया हैं. परिवार नियोजन के मामले में महिलाएं पुरुषों से कई गुना आगे हैं. पटना में 1850 महिलाओं के बंध्याकरण के लक्ष्य के सापेक्ष 1499 महिलाओं ने अपनी सहमति जतायी. बेगूसराय में 1440 महिलाओं का लक्ष्य था. इसमें 1211 महिलाओं ने बंध्याकरण कराया. तीसरे नंबर पर मुजफ्फरपुर है. यहां 1325 महिलाओं में से 818 ने बंध्याकरण कराया. वहीं, सिर्फ दो पुरुष नसबंदी कराने की हिम्मत जुटा सके. पुरुषों में नसबंदी को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं. इस वजह से वह नसबंदी नहीं कराते हैं. पुरुषों को नसबंदी के लिए जागरूक करने के लिए कोई सामाजिक संस्था भी नहीं है. यही वजह है कि पुरुष नसबंदी का ग्राफ महिलाओं की अपेक्षा बहुत कम है. सरकार से मिलती है प्रोत्साहन राशि जनसंख्या नियंत्रण के लिए गर्भ निरोधक साधन अपनाने पर सरकार भी प्रोत्साहित करती है. इसके लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है. नसबंदी में पुरुषों को दो हजार रुपये और महिलाओं को 1400 रुपये मिलते हैं. प्रसव के तुरंत बाद नसबंदी कराने पर महिलाओं को 2200 रुपये दिए जाते हैं. प्रसव उपरांत आइयूसीडी के लिए 300 रुपये मिलते हैं.

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