करीब दो सौ बंदरों को बाहर से लाकर रघई में छोड़ने का आरोप मीनापुर : प्रखंड के रघई गांव व आसपास के इलाकों में बंदर के उत्पात से लोग दहशत में हैं. इसको लेकर ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन की ओर से रघई पंचायत में वीरेंद्र शरण की अध्यक्षता में बैठक की गयी. ग्रामीणों ने कहा कि बंदरों का उत्पात इतना बढ़ गया है कि बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक को काट ले रहा है. खेतों की फसल को बर्बाद कर रहे हैं और घर का खाना भी खा जा रहे हैं. घर के एस्बेस्टस और खपड़े को तोड़ दिया गया है. सभी लोग बंदरों से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. एसयूसीआइ (कम्युनिस्ट) मीनापुर प्रखंड इंचार्ज शिव कुमार यादव ने कहा कि पहले से ही शोषणकारी पूंजीवादी व्यवस्था में गरीब-मजदूर-किसानों की स्थिति दयनीय है. साथ ही बंदर रघई गांव के लोगों का जीवन दुश्वार कर रहे हैं. बंदरों के कारण न फसल सुरक्षित है और न आमलोगों का जीवन. लोग पिछले दो साल से परेशान हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. संगठित आंदोलन ही एकमात्र विकल्प है. ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के राम प्रसाद राय ने कहा कि बंदरों के काटने से राजेंद्र महतो, संजय महतो, किशन कुमार, गौरी लाल सहनी, मुखलाल सहनी समेत 30 लोग घायल हो चुके हैं. उन्होंने उपस्थित लोगों से फसल की सुरक्षा और जनजीवन की तमाम समस्याओं के खिलाफ 18 अक्टूबर को मीनापुर प्रखंड मुख्यालय पर आहूत धरना-प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए तैयारी में जुट जाने का आह्वान किया. बैठक में कृष्ण कुमार यादव, सहदेव सहनी, विजय कुमार, राम बाबू भगत, नंदन कुमार, रिंकू देवी, बबीता देवी, मंटू सहनी आदि शामिल थे. दूसरी ओर पूर्व मुखिया चंदेश्वर प्रसाद ने बताया कि करीब दो सौ बंदरों को बाहर से लाकर रघई में छोड़ दिया गया है. लोगों की जान से लेकर खाना तक सुरक्षित नहीं है. मामले को लेकर शीघ्र ही डीएम व वन विभाग के पदाधिकारियों से मिलेंगे.
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