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नहीं खत्म हो रहा नये साॅफ्टवेयर का झंझट, 700 से अधिक मृत्यु व जन्म सर्टिफिकेट लंबित

More than 700 death and birth certificates pending

::: शहर के निजी व सरकारी अस्पताल से जन्म लेने के साथ सर्टिफिकेट बनाने के लिए बच्चों का कर दिया जाता है ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

21 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन पर नि:शुल्क बनता है सर्टिफिकेट

::: मुशहरी ब्लॉक से स्वीकृत होकर आने वाले आवेदन के आधार पर भी नहीं बन पा रहा है बर्थ सर्टिफिकेट, डेढ़ महीने से लंबित है आवेदन

::: 06 जून के बाद से एक भी मृत्यु सर्टिफिकेट नहीं बन पाया है नगर निगम से

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

शहरी क्षेत्र में मृत्यु होने वाले लोगों के साथ सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में जिन बच्चों का जन्म हो रहा है, उनका सर्टिफिकेट बनने की प्रक्रिया एक महीने बाद भी प्रारंभ नहीं हो सका है. 06 जून के बाद एक भी मृत्यु व जन्म लेने वाले बच्चों का 21 दिनों के भीतर सर्टिफिकेट नहीं बन पाया है. ऐसे में लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नये सॉफ्टवेयर के झंझट के कारण ही नगर निगम में 600 से अधिक जन्म व 100 के आसपास मृत्यु सर्टिफिकेट का आवेदन लंबित हो गया है. हालांकि, 21 दिनों के बाद जन्म लेने वाले बच्चों जिसका आवेदन मुशहरी ब्लॉक से स्वीकृत होकर नगर निगम आ रहा है. वैसे आवेदन पर सर्टिफिकेट बनाया जा रहा है. लेकिन, पोर्टल के धीमी गति से काम करने के कारण ऐसे आवेदन भी बड़ी संख्या में लंबित हो गया है. जन्म-मृत्यु शाखा के अनुसार, बीते कई दिनों से वेबसाइट काम ही नहीं कर रहा है. इस कारण मुशहरी ब्लॉक से स्वीकृत होकर आये आवेदन पर भी बर्थ सर्टिफिकेट का प्रिंट नहीं निकल पा रहा है. इससे बड़ी संख्या में लोग रोजाना नगर निगम के जन्म-मृत्यु शाखा पहुंचते हैं, लेकिन काम नहीं होने के कारण बैरंग लौट जाना पड़ता है.

बॉक्स :: नये सॉफ्टवेयर से परेशानी, निगम बोर्ड में उठ चुका है मुद्दा

बताया जाता है कि जिस सॉफ्टवेयर के माध्यम से जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनता है, उसमें बदलाव किया गया है. जिस व्यक्ति के मृत्यु के सर्टिफिकेट के लिए आवेदन जमा होता है. नया सॉफ्टवेयर उसके माता-पिता व दो गवाह, पहचान का आधार कार्ड मांगता है. कम उम्र वालों का तो मिल जा रहा है, लेकिन बुजुर्ग की मौत के बाद उनके माता-पिता का आधार कार्ड देना मुश्किल है. इससे उनका सर्टिफिकेट लंबित पड़ जा रहा है. निगम बोर्ड की मीटिंग में पार्षद सनत कुमार सहित कई ने इस मुद्दे को उठाया. तब नगर आयुक्त ने आश्वासन दिया था कि सांख्यिकी विभाग पत्राचार कर जिलाधिकारी के माध्यम से इसे ठीक कराने में जुटा है. जल्द सुधार की उम्मीद है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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