जंक्शन से 6,340 क्विंटल लीची की हुई ढुलाई, रेलवे को 32 लाख की कमाई

सबसे अधिक मुंबई उसके बाद राजकोट, जयपुर, सूरत, अमृतसर, दिल्ली, भुसावल भेजी गयी लीची

By Prabhat Khabar News Desk | June 13, 2024 9:36 PM

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

मुंबई से लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में मुजफ्फरपुर से रिकॉर्ड लीची भेजी गयी है. सोनपुर मंडल की ओर से इसका डाटा जारी किया गया है. जिसके तहत मुजफ्फरपुर जंक्शन से अब तक 6,340 क्विंटल लीची का ढुलाई हुई है, जिससे रेलवे को 32 लाख 3 हजार रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. आंकड़ों के तहत 21 मई से मुजफ्फरपुर जंक्शन से लीची की ढुलाई शुरू हुई थी. इसके लिए पवन एक्सप्रेस से मुंबई लीची भेजने के लिए स्पेशल पार्सल वैन लगाया गया है. शाही लीची के खत्म होने के बाद फिलहाल चाइना लीची की ढुलाई जारी है. कुल डाटा में अलग-अलग ट्रेनों से एसएलआर के माध्यम से 2,067 क्विंटल लीची राजकोट, जयपुर, सूरत, अमृतसर, दिल्ली, भुसावल समेत कई स्टेशनों को भेजा गया है, जिससे रेलवे को 7.48 लाख की कमाई हुई है. वहीं पार्सल वैन (वीपी) के माध्यम से 4273 क्विंटल लीची लोकमान्य तिलक टर्मिनस स्टेशन को भेजा गया, जिससे रेलवे को 24.87 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है.

लीची के लिए खुला बुकिंग काउंटर

इस बार रेल प्रशासन की ओर से मुजफ्फरपुर जंक्शन से 15 मई 2024 से लीची ढुलाई सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की गयी है, जिसके तहत बिना बिचौलिये के किसान व व्यापारी सीधे रेलवे बुकिंग काउंटर से लीची बुक करा कर अपने गंतव्य तक भेज सकते हैं. रेलवे की ओर से बताया गया कि इस पहल से किसानों को कम किराया भुगतान कर लीची पवन एक्सप्रेस से लोकमान्य तिलक टर्मिनल व अन्य स्टेशनों भेज रहे हैं. अधिकारियों का कहना है, कि सोनपुर रेल मंडल, कृषि उपज व्यवसाय में महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रही है, और मंडल के क्षेत्राधिकार के किसानों के कृषि उपज को देश के नये बाजारों तक पहुंचा कर, किसानों व व्यापारियों को उनके उपज का उचित मूल्य दिलाने में महत्वपूर्ण माध्यम बन रही है.

शाही लीची के अच्छे उत्पादन पर और अधिक होता आंकड़ा

जिले में इस बार मौसम व अच्छी बारिश नहीं होने के कारण पचास फीसदी से अधिक शाही लीची का उत्पादन प्रभावित हो गया, जिसके कारण बीच में कुछ दिनों के लिए ढुलाई भी प्रभावित हुई थी. हालांकि सीजन से ठीक पहले हुई एक बारिश के बाद स्थिति थोड़ी सामान्य हुई. बता दें कि सीजन से पहले रेलवे की ओर से बड़े व्यापारियों के साथ-साथ छोटे व्यापारियों व किसानों के साथ बैठक कर लदान को लेकर प्लानिंग हुई थी.

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