मुजफ्फरपुर. एसकेएमसीएच में एआरटी सेंटर में बैठक में एचआईवी के बढ़ते मामले को लेकर बैठक हुई. बताया गया कि सालाना एचआईवी के पां हजार से अधिक मामले पूरे बिहार में बढ़ रहे है, जो चिंता का विषय है. बैठक में एचआईवी के एडवांस स्टेज के मरीजों को कैसे बचाएं, उस पर जोर दिया गया. वहीं स्त्री व प्रसव विभाग में बढ़ रहे प्रसूताओं के केस पर भी चिंता जाहिर की है. विशेषज्ञों ने बताया कि प्रसूताओं को पहले एचआईवी और वीडीआरएल जांच की जानी चाहिए. अगर वह पॉजिटिव आता है तो ट्रीटमेंट के बाद बच्चों में एचआईवी होने की खतरा बहुत ही कम हो जाता है. वहीं बिना ट्रीटमेंट के बच्चा के जन्म होने कर बच्चों में 40 फीसदी से अधिक चांस संक्रमण की चपेट में आने का होता है. मौके पर एसकेएमसीएच अधीक्षक प्रो. डॉ. कुमारी विभा, उपाधीक्षक डॉ. सतीश कुमार, सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. भारतेंदु कुमार, कैसुअल्टी रजिस्ट्रार डॉ. सुनील कुमार, टीबी चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र कुमार, मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार, डॉ. सीके दास, गंगा महारा, संजीता कुमारी यादव आदि मौजूद थी.
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