मुजफ्फरपुर जिले में संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए आपदा विभाग व जिला स्वास्थ्य समिति तैयारियों में जुट चुकी है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविरों के साथ-साथ राशन, दवाओं व अन्य सामग्रियों की उपलब्धता के लिए भी प्लान तैयार कर लिया गया है. इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग को प्रभावित इलाकों में नौका अस्पताल संचालित करने का भी निर्देश दिया गया है.
बाढ़ के दौरान लोगों को इलाज के लिए अस्पताल या शिविर में आने के लिए अब जद्दोजहद नहीं करनी पड़ेगी. विभागीय निर्देश के तहत गर्भवती महिलाओं के प्रसव के लिए नौका अस्पताल में मेटरनिटी हट डिलेवरी किट की भी व्यवस्था रहेगी. जहां जरूरत होगी, वहीं मेटरनिटी हट (नाव पर लगने वाली प्रसव झोंपड़ी ) लगा कर प्रशिक्षित महिला नर्स अथवा डॉक्टर महिलाओं की डिलेवरी करायेंगी.
जरूरत पड़ने पर नौका एंबुलेंस की सुविधा बाढ़ के दौरान उन स्थानों पर ली जाएगी. जहां भोजन, पानी से कहीं ज्यादा इलाज और दवाओं की समस्या उत्पन्न होती है. शुद्ध पेयजल के अभाव में डायरिया, जलजनित बीमारी के अलावा महामारी, सांप-बिच्छुओं के काटने से बाढ़ से घिरे लोग काल-कलवित होते हैं.
बाढ़ से बुरी तरह घिरे लोगों को राहत शिविर में लगे हेल्थ कैंप अथवा अस्पताल तक पहुंचना बहुत मुश्किल होता है. ऐसे में बाढ़ से घिरी आबादी के बीच जा कर मेडिकल स्टाफ मरीजों का इलाज कर सकेंगे और उन्हें दवाइयां भी देंगे. बोट एंबुलेंस को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के सहयोग से संचालित किया जाएगा.
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बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए 496 नाव की व्यवस्था की जा रही है. इसमें 428 निजी नाव का निबंधन प्रारंभ हो चुका है. जिला आपातकालीन संचालन केंद्र की ओर से कम्युनिकेशन प्लान भी तैयार कर लिया गया है.