मुजफ्फरपुर.कचहरी परिसर में पेशी के दौरान विचाराधीन बंदी सूरज कुमार की गोली मारकर हत्या के बाद पुलिस पर हमला के आरोपियों पर अब शिकंजा कसा जायेगा. नगर थाने की पुलिस आठ साल बाद हमला करने के आरोपियों को चिन्हित कर गिरफ्तार करेगी. वरीय पदाधिकारियों ने कांड की समीक्षा करने के बाद आइओ दारोगा राजकुमार को नामजद व अज्ञात आरोपियों का घटनास्थल से बरामद वीडियो फुटेज व फोटो से चिन्हित करके गिरफ्तार करने को कहा है. पुलिस के पास जो केस का रिकॉर्ड है, उसमें पुलिस पर ईंट- पत्थर से हमला करते हुए महिला व पुरुष का स्टिल फोटो मौजूद है. पुलिस टीम पर हमला करने की घटना के आठ साल बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. जबकि 2018 में तत्कालीन नगर डीएसपी मुकुल कुमार रंजन ने कांड सुपरविजन करने के साथ नामजद व अज्ञात आरोपियों को चिन्हित करके गिरफ्तारी करने को कहा था. आरोपियों के फरार रहने की स्थिति में कोर्ट से वारंट लेकर इश्तेहार व कुर्की की कार्रवाई करने को कहा था. बाइक सवार बदमाशों ने की फायरिंग पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, विचाराधीन बंदी सूरज कुमार की कोर्ट में पेशी के दौरान बाइक सवार अपराधियों ने 11 अप्रैल 2016 को गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्या के बाद लोगों का आक्रोश बढ़ गया था. कोर्ट हाजत में सुरक्षा में तैनात हवलदार बाढ़ो रजक पर जानलेवा हमला कर दिया था. ईंट-पत्थर से मारा गया था. इसको लेकर 25 से 30 अज्ञात लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. दूसरा हमला बैरिया गोलंबर पर करने को लेकर जमादार सुरेंद्र सिंह के बयान पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इसमें 30 से 35 महिला व पुरुष को आरोपी बनाया गया. वहीं, तीसरी प्राथमिकी पोस्टमार्टम से शव आने के बाद सरैयागंज टावर पर बवाल करने व पुलिस टीम पर हमला करने को लेकर दारोगा सफीर आलम के बयान पर दर्ज की गयी थी. इसमें 20 नामजद व 200 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था.
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