Loading election data...

तीन साल में नहीं हुआ एक भी क्लास तो प्रोफेसर ने लौटा दी अपनी सैलरी, जानिए क्या है पूरा मामला

मुजफ्फरपुर में एक प्रोफेसर ने अपनी तीन साल की सैलरी लौटाने की पेशकश की है. प्रोफेसर ने कहा मैं बच्चों को पढ़ाना चाहता हूं लेकिन मेरे कॉलेज में बच्चे नहीं आते इसलिए मैं सैलरी नहीं ले सकता.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2022 6:28 PM
an image

मुजफ्फरपुर के भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय से एक रोचक मामला सामने आया है. यहां एक प्रोफेसर ने अपने तीन साल की सैलरी यूनिवर्सिटी को लौटा दी है. प्रोफेसर ने तीन साल में एक भी क्लास नहीं मिलने की वजह से अपनी सैलरी लौटाई है. यह प्रोफेसर तीन साल से विश्वविद्यालय को चिट्ठी लिख रहे थे की इनकी नियुक्ति किसी ऐसे कॉलेज में की जाए जहां बच्चे पढ़ने के लिए आते हों.

लौटाई तीन साल की सैलरी 

प्रोफेसर द्वारा अन्य कॉलेज में नियुक्ति की मांग किए जाने के बाद भी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उनकी एक न सुनी. इसी बात से परेशान होकर नीतीश्वर कॉलेज में कार्यरत सहायक प्रोफेसर डॉ. ललन कुमार ने अपनी तीन साल की पूरी सैलरी जो की 23 लाख 82 हजार 228 रुपए होती है यूनिवर्सिटी को लौटा दी. और साथ ही अपने पद से इस्तीफे की भी पेशकश की है.

वाइस चांसलर पर गंभीर आरोप 

नीतीश्वर कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ. ललन कुमार का चयन बीपीएससी के ज़रिए 24 सितंबर 2019 को बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में हुआ था. प्रोफेसर ने बताया है की भीम राव अम्बेडकर बिहार यूनिवर्सिटी के तत्कालीन वाइस चांसलर राजकुमार मंडिर ने सभी चयनित प्रोफेसरों की पोस्टिंग नियमों और शर्तों को बताते हुए मनमाने तरीके से की थी.

बच्चे को चाहते है पढ़ना 

प्रोफेसर ने बताया की उन्होंने 4 बार आवेदन लिखकर मांग किया कि उनका तबादला किया जाए क्योंकि वह बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं और उनके कॉलेज में पढ़ाई नहीं होती है. उन्होंने अपना ट्रांसफर PG डिपार्टमेंट, एलएस कॉलेज या आरडीएस कॉलेज में करने की मांग की ताकि वह बच्चों को पढ़ा सके और अपने ज्ञान का सदुपयोग कर सकें. हर बार आग्रह करने के बाद भी उनका ट्रांसफर नहीं किया गया.

सैलरी लौटने का फैसला 

ललन कुमार ने बताया कई बार आवेदन का अनदेखा होने के बाद मैंने आखिर में अपनी अंतरात्मा की सुनते हुए 25 सितंबर 2019 से मई 2022 तक प्राप्त सभी सैलरी विश्वविद्यालय को लौटाने का फैसला लिया है. मेरे कॉलेज में विद्यार्थियों की संख्या शून्य होने के कारण मैं चाह कर भी अपने दायित्व का पालन नहीं कर पा रहा हूं. इस स्थिति में सैलरी स्वीकार करना मेरे लिए अनैतिक होगा.

Also Read: JDU नेता RCP ने अपना कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले दिया इस्तीफा, जानें पूरा घटनाक्रम
सैलरी वापस लेने का नहीं है प्रावधान

इस पूरे मामले पर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने बताया कि किसी भी प्रोफेसर से सैलरी वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं है. मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच की जाएगी और कॉलेज के प्रोफेसर को तलब किया जाएगा. इसके बाद जिस कॉलेज में डॉ ललन जाना चाहते हैं तत्काल उन्हें वहां डेप्युटेशन दे दिया जाएगा. फिलहाल न ही उनका चेक एक्सेप्ट किया गया है और न ही इस्तीफा.

Exit mobile version