देवेश कुमार
मुजफ्फरपुर में स्मार्ट सिटी के बाद अब ”ग्रीनफील्ड टाउनशिप” बसाने की चल रही तैयारी के बीच जिले में रियल एस्टेट का कारोबार बूम कर गया है. ढाई से तीन महीने के भीतर जमीन की खरीद-बिक्री में काफी तेजी आयी है. पहले हर दिन 100-150 के बीच जमीन के प्लॉट की रजिस्ट्री होती थी, जो अचानक बढ़कर 500 के आंकड़े को छू दिया है.
जून, जुलाई महीने में तो किसी-किसी दिन तो 500 से भी अधिक जमीन के प्लॉट की खरीद-बिक्री हुई है. इसमें सबसे ज्यादा जमीन की खरीद-बिक्री इन दिनों मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र से सटे आयोजना क्षेत्र (पेरिफेरल एरिया) में हो रही है. जमीन के प्लॉट के साथ-साथ नये-नये अपार्टमेंट में बने फ्लैट भी खूब बिक रहे है.
वहीं, नये अपार्टमेंट निर्माण के लिए बिल्डर व जमीन मालिक के बीच एग्रीमेंट भी खूब हो रहा है. इससे सरकारी खजाने में रोजाना दो करोड़ रुपये तक की राशि जमा हो रही है. वहीं, विभाग तय लक्ष्य से काफी ज्यादा राजस्व की भी वसूली करने में सफल साबित हो रहा है
मोतीपुर में इंडस्ट्रियल हब बनने का भी मिल रहा फायदा
जिले के पश्चिमी क्षेत्र यानी मोतीपुर को सरकार इंडस्ट्रियल हब बनाने में जुटी है. इथेनॉल के चार-चार प्लांट लगाये गये है. कई अन्य कल कारखाने भी लगाने की तैयारी चल रही है. इसका फायदा रजिस्ट्री ऑफिस को खूब हो रहा है. मोतीपुर से सटे इलाके में जमीन की खरीद-बिक्री काफी बढ़ गयी है. मोतीपुर रजिस्ट्री ऑफिस में औसतन 75-100 के बीच रोज जमीन के प्लॉट की रजिस्ट्री होती है, जो पिछले साल की तुलना में दो गुना हो गया है.
सात नगर पंचायत व तीन नगर परिषद के उत्क्रमित होने से भी लाभ
वर्ष 2022 में सरकार ने पंचायत क्षेत्र में शामिल सात पंचायत के दर्जनों गांवों को नगर पंचायत में शामिल कर दिया है. नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद चुनाव करा नगर निकाय से मिलने वाली सुविधाएं बढ़ाने पर काम शुरू हो गया है. इसका भी लाभ रजिस्ट्री ऑफिस को खूब हो रहा है. जहां-जहां नगर पंचायत घोषित हुआ है, उन इलाके में जमीन की खरीद-बिक्री बढ़ गयी है. इसमें शहर से सटे कुढ़नी प्रखंड के अंतर्गत आने वाले माधोपुर सुस्ता, तुर्की, मीनापुर, सरैया, सकरा, मुरौल व बरूराज का इलाका शामिल है. वहीं, पहले से नगर पंचायत के रूप में काम कर रहे कांटी, मोतीपुर व साहेबगंज को नगर परिषद में उत्क्रमित कर दिया है.
जुलाई महीने में बिके प्लॉट व प्राप्त राजस्व
ऑफिस @ रजिस्ट्री की संख्या @ प्राप्त राजस्व
मुजफ्फरपुर @ 4888 @ 28.57 करोड़ रुपये
पारू @ 1999 @ 5.45 करोड़ रुपये
कटरा @ 1750 @ 4.60 करोड़ रुपये
सकरा @ 1080 @ 2.79 करोड़ रुपये
मोतीपुर @ 1898 @ 6.62 करोड़ रुपये
आवासीय उपयोग के लिए सबसे ज्यादा रजिस्ट्री
जिले में जमीन की खरीद-बिक्री की संख्या काफी बढ़ गयी है. इसका सबसे बड़ा कारण है शहर से सटे इलाके का बड़ी तेजी से शहरीकरण होना है. शहर से सटे पेरिफेरल एरिया के अलावा मोतीपुर व वैशाली से सटे पारू, साहेबगंज व सरैया इलाके में रजिस्ट्री बढ़ी है. इसमें कमर्शियल के अलावा आवासीय प्लॉट की सबसे ज्यादा खरीद-बिक्री हो रही है. मनीष कुमार, जिला अवर निबंधक, मुजफ्फरपुर