बिहार के मुजफ्फरपुर में किराये के विवाद में तुर्की ओपी के दरियापुर कफेन में चलती बस से यात्री के फेंके जाने से हुई मौत के 36 घंटे बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी. वही, घटना के दूसरे दिन पुलिस ने बस को जब्त कर ओपी ले गयी. पुलिस बस के कागजात का भौतिक सत्यापन कर फरार चालक व कंडक्टर का सुराग लगाने में जुटी है.
मंगलवार को वाराणसी से मजदूरी कर करीब एक दर्जन यात्री सीतामढ़ी के लिए बस में सवार हुए थे. इसमें सीतामढ़ी जिले के नानपुर थाना के सिंहचौरी के रहनेवाले यात्री महाराज दास भी सवार थे. महाराज का किराया को लेकर बस कंडक्टर से विवाद होने की बात सामने आयी थी. इसी दौरान कंडक्टर ने महाराज को बस से बाहर फेंक दिया. इससे उनकी मौके पर मौत हो गयी. इसके बाद बस खड़ी कर चालक व कंडक्टर फरार हो गया.
वहीं इस पूरे मामले में मुजफ्फरपुर के तुर्की ओपी प्रभारी राम विनय कुमार ने कहा कि जब तक कोई परिजन की ओर से आवेदन नहीं आता तब तक इस मामले में कोई बयान नहीं दे पाएंगे. हालांकि पुलिस ने कंडक्टर को पकड़ने के लिए एक टीम बनाई है.
इधर आरटीए सचिव वरूण कुमार मिश्रा ने कहा कि परिवहन विभाग की टीम बसों के पेपर जांच के साथ यात्रियों से अधिक किराया की भी जांच करेगी. वह खुद भी अधिक किराया वसूली की जांच करेंगे. मजदूर वाली घटना में दोषी पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
मोटर फेडरेशन के जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा व प्रवक्ता कामेश्वर महतो ने कहा कि यह बस बिहार राज्य पथ परिवहन निगम लि. (बीएसआरटीसी) के अंडर टेकिंग चलती है. इस बस के मालिक पटना के है. उनके पास अंडर टेकिंग में कम बस का परमिट है. लेकिन उससे अधिक गाड़ी चलाते है. बीएसआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक आशीष कुमार ने कहा कि जिस बस से यह घटना हुई है वह अंडर टेकिंग कि है या नहीं इसकी जांच चल रही है. जांच में यह बात सच साबित होती है तो कड़ी कार्रवाई होगी. वहीं अब तक कंडक्टर पुलिस फरार है और पुलिस की टीम गिरफ्तारी में लगी हुई है.
Posted By : Avinish kumar mishra