14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Chhath Pooja: मुजफ्फरपुर के बाजार में उमड़ी भीड़, 500 करोड़ के करीब कारोबार की उम्मीद

Chhath Pooja: बिहार में लोक आस्था के महापर्व छठ की बेला जैसे-जैसे निकट आ रही है. लोगों में त्योहार को मनाने के लिए उत्साह, उल्लास के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा है. घाटों की सफाई, फल, पूजन सामग्री की खरीदारी शुरू हो गयी है.

Chhath Pooja: बिहार में लोक आस्था के महापर्व छठ की बेला जैसे-जैसे निकट आ रही है. लोगों में त्योहार को मनाने के लिए उत्साह, उल्लास के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा है. घाटों की सफाई, फल, पूजन सामग्री की खरीदारी शुरू हो गयी है. सबसे अधिक भीड़ कपड़े की दुकानों में है. नयी साड़ी पहनकर छठ व्रत करने की परंपरा है. ऐसे में व्रतियों के लिए साड़ी व अन्य लोगों के लिए नये कपड़ों की खरीदारी के लिए बाजार में सबसे अधिक भीड़ उमड़ रही है. कोरोना काल के बाद से इसबार बाजार में सर्वाधिक रौनक दिख रही है. सुबह से देर शाम तक कपड़े की दुकानों में पैर रखने की जगह नहीं है.

इस छठ में करोड़ों की कारोबार की उम्मीद

बिहार के मुजफ्फरपुर जिला में विशेषकर मोतीझील, सरैयागंज, हरिसभा चौक, सूतापट्टी इलाके में पैदल चलने की जगह भी नहीं मिल रही है. छठ पूजा को लेकर फल मंडी में नारियल समेत अन्य फलों की आवक तेज हो गयी है. सड़क किनारे बांस के सुप, दउरा, मिट्टी के चूल्हों के अस्थायी दुकान भी दिखने लगे हैं. इस्लामपुर की लहठी मंडी में त्योहार को लेकर विशेष लहठी के डिजाइन उपलब्ध हैं. बाजार में कपड़े, लहठी, पूजन सामग्री, फल व अन्य सामग्री को मिलाकर 500 करोड़ से अधिक के कारोबार का अनुमान है. इसमें सबसे अधिक कपड़े पर 300 करोड़ से अधिक व फल, पूजन सामग्री व अन्य सामग्री को मिलाकर 200 करोड़ से अधिक का कारोबार होने की उम्मीद है.

युवाओं को भा रहा लेटेस्ट कपड़ों का ट्रेंड

छठ महापर्व पर लोग नये कपड़े की खरीदारी करते हैं. व्रतियों के लिए साड़ी तो बच्चों व परिवार के अन्य सदस्यों के लिए नये कपड़े खदीदने की परंपरा रही है. ऐसे में इसबार छठ के मौके पर जिले में कपड़ा उद्योग में 300 करोड़ से अधिक के कारोबार का अनुमान है. दुकानदारों का कहना है कि बीते तीन-चार वर्षों में इतनी भीड़ और बिक्री कभी देखने को नहीं मिली. दुकानदार गदगद हैं और ग्राहकों के चेहरे पर भी त्योहार का रौनक है. एक ओर युवाओं को लेटेस्ट कपड़ों का ट्रेंड भा रहा है. वहीं बड़ी संख्या में युवाओं का रूझान पारंपरिक पहनावे की ओर दिख रहा है. इंडो वेस्टर्न पैटर्न की ओर युवाओं के रूझान को देखते हुए दुकानों में इसी पैटर्न के कपड़े शो-पीस में लगे हैं. मोतीझील व सरैयागंज के वस्त्र विक्रेता ने बताया कि चार से पांच सौ रुपये से शर्ट और छह से सात सौ रुपये की रेंज से जिंस की शुरुआत हो रही है. बच्चों के लिए औसतन पांच-छह सौ रुपये से कपड़े की रेंज शुरू है. व्रतियों के लिए सूती साड़ी चार सौ रुपये से शुरू है. वहीं महिलाओं के ड्रेस भी वेस्टर्न और ट्रेडिशनल लुक के ड्रेसेज छह-सात सौ रुपये से शुरू हैं.

फेस्टिवल को लेकर लाह की लहठी की विशेष डिमांड

लाह से बनी लहठी को सौभाग्य और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है. व्रत के दौरान इसी लाह से बनी लहठी व्रतियां पहनती हैं. शहर का इस्लामपुर का इलाका लहठी के लिए जाना जाता है. यहां से देशभर में लहठी की सप्लाइ होती है. ऐसे में त्योहारी थीम पर केंद्रित लहठी की खरीदारी के लिए दुकानों पर भीड़ दिख रही है. शहर के अन्य हिस्सों में भी लहठी की अस्थायी दुकानें नजर आ रही हैं.

शहर में सजी सूप-दउरा की सैंकड़ों दुकानें

छठ महापर्व में बांस से बने सूप-दउरा में फलों को सजाकर भगवान भास्कर और छठि मइया को अर्पित किया जाता है. ऐसे में लोग प्रति वर्ष सूप-दउरा की खरीदारी करते हैं. महीनों पहले से कारीगर सूप-दउरा निर्माण में जुटे थे. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्राें में प्रत्येक चौक-चौराहे पर सूप-दउरा की सैंकड़ों दुकानें सजी हैं. बांस का सूप 150 रुपये से शुरू होकर 300 रुपये प्रति जोड़ा, दउरा 200 रुपये से शुरू होकर 800 रुपये और डगरा 150 रुपये से शुरू होकर 400 रुपये तक की कीमत में उपलब्ध है. लोग पीतल और चांदी के भी सूप-दउरा की खरीदारी कर रहे हैं.      

जगह-जगह मिट्टी के चूल्हे व हाथी कुरवार

छठ महापर्व में नहायखाय से लेकर खरना और दोनों अर्घ्य पर अर्पित होने वाले प्रसाद को मिट्टी के चूल्हे पर तैयार किया जाता है. मिट्टी के चूल्हे को शुद्धता का प्रतीक माना गया है. ऐेस में विशेषकर शहरी क्षेत्रों में मिट्टी के चूल्हे विभिन्न चौक-चौराहों पर मिल रहे हैं. चूल्हा 40 से 70 और डबल चूल्हा 100 से 140 रुपये तक मिल रहा है. मन्नत वाले लोग मिट्टी से निर्मित हाथी और कुरवार भी चढ़ाते हैं. मिट्टी से निर्मित सादा हाथी 350 से 400 और रंगीन हाथी 700 से 800 रुपये में मिल रहा है.

मंडी में तेज हुई फलों की आवक, सेब की कई वेराइटी

छठ महापर्व को लेकर फलों के बाजार में फलों की आवक तेज हो गयी है. अलग-अलग प्रदेशों से फलों से लदा ट्रक पहुंच रहा है. सेब की कई वेराइटी छठ को लेकर बाजार में उतरी है. सेब 90 रुपये से शुरू होकर 400 रुपये तक प्रति किलो मिल रहा है. पंजाब और राजस्थान से कीनू, सिलीगुड़ी से अनानास और नासिक से अनार भी फलों की खेप बाजार समिति में पहुंची है. तमिलनाडु और साउथ इंडिया से नारियल की खेप बाजार में आयी है. इस बार फल के क्षेत्र में 80 से 90 करोड़ के कारोबार का अनुमान है.

ये भी पढ़े: मुजफ्फरपुर में छात्रा के साथ दुर्व्यवहार, ई-रिक्शा चालक पर छेड़खानी और चोरी का आरोप

ऑनलाइन भी मिल रही पूजन सामग्री, सेम डे डिलीवरी

छठ महापर्व की ओर लोगों के रुझान को देखते हुए ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स भी पूजन सामग्री से लेकर साड़ी, लहठी व अन्य सामग्री की बिक्री कर रहे हैं. यहां तक बिना डिलिवरी चार्ज लिए ऑर्डर के दिन ही डिलीवरी भी दे रहे हैं. ऐसे में ग्राहकों का रूझान ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की ओर दिख रहा है. यहां तक कि गोबर से बना गोइठा भी डंक केक के नाम से साइट्स पर उपलब्ध है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें