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बिहार का इंडस्ट्री हब बनने जा रहा मुजफ्फरपुर, नई औद्योगिक नीति ने खोला डेवलपमेंट का रास्ता

बिहार का मुजफ्फपरु जिला औद्योिगक रूप में काफी समृद्ध हो रहा है. इस जिले में छोटे एंव मध्यम उद्योग का जाल बिछ रहा है. स्थिति यह है कि सबसे अधिक प्लोट यहीं लगाये गये हैं और जिले के औद्योगिक परिसर में अब नये कारखाने के लिए जगह का अभाव देखा जा रहा है.

मुजफ्फरपुर. पूर्व सांसद जॉर्ज फर्नांडिस मुजफ्फरपुर को मिनी मुंबई कहते थे. उनका सपना था कि जैसे देश की आर्थिक राजधानी मुंबई है, वैसे ही बिहार की आर्थिक और औद्योगिक राजधानी मुजफ्फरपुर बने. यह कहने में अतिशयोक्ति नहीं है कि मुजफ्फरपुर बदल रहा है और वह दिन दूर नहीं जब इसे औद्योगिक नगरी के रूप में भी पहचान मिलेगी. मुजफ्फरपुर आनेवाले समय में बिहार का इंडस्ट्री हब बनने जा रहा है. बिहार सरकार की नई औद्योगिक नीति ने यहां डेवलपमेंट का रास्ता खोला दिया है. उद्योग विभाग के द्वारा मुजफ्फरपुर में उद्योगपतियों को कई प्रकार की सुविधाएं दी जा रही है. इस लेकर बेला औद्योगिक क्षेत्र में अब इतनी फैक्ट्रियां खुल चुकी हैं कि स्थिति यह हो गई नयी फैक्ट्री खोलने के लिए बियाडा क्षेत्र में जमीन ही नहीं बची. मोतीपुर चीनी मिल की जमीन अब उद्योगपतियों को दी जा रही है. नये कारखाने मोतीपुर की ओर कूच कर रहे हैं.

मुजफ्फरपुर में बढ़ी फैक्ट्रियों की संख्या

मुजफ्फरपुर के बेला औद्योगिक क्षेत्र में 292 फैक्ट्रियां हैं. इनमें से कुछ सरकारी विभागों के कार्यालय भी शामिल हैं. हालांकि 292 में से 55 फैक्ट्रियां बंद हैं. इसमें से कई के जमीन आवंटन को रद्द कर दिया गया है, जबकि 34 फैक्ट्रियां निर्माणाधीन हैं. वहीं दो फैक्ट्रियों के निर्माण कार्य अभी लंबित हैं. बेला में मुर्गी दाना बनाने की फैक्ट्री, parle-g, नूडल्स फैक्ट्री के साथ ही कई और फैक्ट्रियां खुल चुकी है. बेला में जमीन खत्म होने से नई फैक्ट्री स्थापित नहीं हो पा रही है, जबकि नई फैक्ट्रियों के लिए लगातार बियाडा के पास आवेदन पहुंच रहे हैं. जिसे लेकर शहर के बेला औद्योगिक क्षेत्र में नई फैक्ट्रियां लगाने के लिए जमीन खत्म हो जाने के बाद अब सरकार और उद्योग विभाग के स्तर से मोतीपुर में वर्षों से बंद चीनी मिल की जमीन पर नया औद्योगिक क्षेत्र बसाया गया है. मोतीपुर में औद्योगिक क्षेत्र बसाने के लिए पर्याप्त सरकारी जमीन, रेल यातायात, फोरलेन सड़क, बिजली, पानी और अन्य इंफ्रास्ट्रचर पहले से उपलब्ध थे.

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140 करोड़ की लागत से महवल में स्थापित होगा लेदर पार्क

मुजफ्फरपुर जिले के महवल औद्योगिक क्षेत्र में 140 करोड़ की लागत से लेदर पार्क स्थापित होगा. इसके लिए उद्योग विभाग ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं. उद्योग विभाग की मंशा है कि लैदर पार्क के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में इसके लिए वित्तीय प्रबंध कर लिया जाये. लेदर पार्क के लिए 62 एकड़ से अधिक जमीन आवंटित की जा चुकी है. महवल में लेदर पार्क की स्थापना के लिए एक औपचारिक अधिसूचना उद्योग विभाग हाल ही में जारी कर चुका है. अगर यह समय से स्थापित होता है तो इसे राज्य का पहला लेदर पार्क होगा. फिलहाल विभाग इसका प्रस्ताव तैयार कर चुका है. इसके लिए जमीन बियाडा को आवंटित कर दी गयी है. दरअसल मोतीपुर सुगर मिल की जमीन हाल ही में उद्योग विभाग को दी गयी है. मुजफ्फरपुर राज्य का लेदर इंडस्ट्रीज का हब बन चुका है. राज्य में स्थापित औद्योगिक यूनिट में सर्वाधिक यूनिट मुजफ्फरपुर में ही स्थापित की गयी है.

उत्तर बिहार का होगा विकास

मुजफ्फरपुर के अलावा उत्तर बिहार के कई प्रमुख जिलों के मध्य बसे होने के कारण मोतीपुर में नया औद्योगिक क्षेत्र स्थापित होने से जिले के पश्चिमी इलाके का तेजी से विकास हो रहा है. हजारों युवाओं को रोजगार मिल रहा है. उद्योग विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर एक साल पूर्व अधिकारियों की देखरेख में जमीन का सर्वे किया गया था. इस सर्वे में उद्योग विभाग के साथ चीनी निगम के अधिकारी भी थे. चीनी मिल के जिम्मे करीब एक हजार एकड़ जमीन है. बिहार औद्योगिक विकास प्राधिकार (बियाडा ) जमीन का अधिग्रहण करने के बाद उद्यमियों और युवाओं को फैक्ट्रियां स्थापित करने के लिए आमंत्रित कर यहां बेला औद्योगिक क्षेत्र से भी बेहतर सुविधाएं दे रहा है.

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