Muzaffarpur kidney case: मुजफ्फरपुर. शहर के चर्चित किडनी कांड मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार को निर्देश जारी किया है. अपने निर्देश में आयोग ने बिहार सरकार को उच्च प्राथमिकता के आधार पर पीड़िता के किडनी के शीघ्र प्रत्यारोपण और चिकित्सा उपचार के लिए पर्याप्त कदम उठाने का निर्देश दिया है. यह निर्देश मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एसके झा की याचिका पर सुनवाई करते हुए आयोग द्वारा जारी किया गया है. नर्सिंग होम संचालक सकरा के बरियारपुर निवासी डॉ.पवन को एससी/एसटी कोर्ट के जज ने बीते 7 जून को दोषी करार दिया था.
आयोग ने बताया अतिगंभीर श्रेणी का मामला
मामले के सम्बन्ध में मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एसके झा ने बताया कि यह मामला मानवाधिकार उल्लंघन के अतिगंभीर श्रेणी का मामला है, इस मामले में बिना विलम्ब किये हुए बिहार सरकार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश का अनुपालन करते हुए पीड़ित महिला के किडनी प्रत्यारोपण के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए, जिससे पीड़ित महिला की जान बच सके. एसकेएमसीएच में भर्ती पीड़िता सुनीता ने कहा कि दोषी को और कड़ी सजा मिलनी चाहिए थी. सुनीता ने मामले में फरार अन्य आरोपित डॉक्टर आरके सिंह को फांसी की सजा देने की मांग की.
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डॉक्टर को मिल चुकी है सात साल की सजा
मुजफ्फरपुर के चर्चित सुनीता किडनी कांड के दोषी नर्सिंग होम संचालक डॉ. पवन कुमार को विशेष एससी/एसटी कोर्ट ने बुधवार को सात साल कैद की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी डॉ. पवन पर 18 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है. सकरा स्थित शुभकांत नर्सिंग होम में तीन सितम्बर, 2022 को सुनीता के गर्भाशय के ऑपरेशन के दौरान उसकी दोनों किडनी निकाल ली गई थी. सुनीता की मां तेतरी देवी के आवेदन पर 9 सितंबर, 2022 को एफआईआर दर्ज हुई तब से सुनीता डायलासिस पर जिंदा है.