मुजफ्फरपुर में भारत माला प्रोजेक्ट के तहत मानिकपुर-साहेबगंज और अदलबारी-मानिकपुर फोरलेन का निर्माण कराया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के लिए जिले में 35 गांव में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. हालांकि अभी एनएचएआइ की ओर से सिर्फ नौ गांव से जमीन अर्जित करने के लिए मंजूरी दी गयी है.
इसके लिए 107 करोड़ रुपया जिला भू अर्जन कार्यालय को उपलब्ध कराया गया है. अभी पारू अंचल के छह और साहेबगंज के तीन गांव में जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा. इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है. इस सड़क के निर्माण से पटना से नेपाल सीमा की दूरी घटकर 200 किमी हो जायेगी.
जानकारी के अनुसार आने वाले समय में यह सड़क अरेराज से होते हुए वाल्मीकि टाइगर रिजर्व तक होगा. यह इकलौता सड़क होगा जिससे टाइगर रिजर्व तक बेहतर कनेक्टिविटी हो जायेगी और पर्यटक भी आसानी से पहुंच पायेंगे. इस नये फोरलेन का निर्माण पटना के दीघा होते हुए सोनपु, मानिकपुर, साहेबगंज, अरेराज तक किया जायेगा. केंद्र सरकार ने इसे 2021 में मंजूरी दी थी.
Also Read: पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा बॉटलिंग प्लांट अब बिहार में, 11 महीने में बन कर हो गया तैयार, जानिये खासियत
बताते चले को यह नए NH फोरलेन बिहार की विकास को नयी रफ्तार देगा प्रस्ताव के अनुसार, पटना-दीघा से सारण और वैशाली जिले की सीमा पर सोनपुर के बीचोबीच रेलवे द्वारा निर्मित पुल के समानांतर एक और पुल बनाया जाएगा, जो चार लेन का होगा जिसमे गोपालगंज, सिवान, छपरा, सारण, सोनपुर, मोतिहारी, बेतिया, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, बेगुसराय, खगड़िया, मधेपुरा और सीतामढ़ी के लोगों को लाभ मिलेगा, जेपी सेतु के समानांतर बनने वाले इस नए पुल से पटना एम्स के लिए सीधी कनेक्टिविटी बहाल हो जाएगी.
यही नहीं यह नए प्रस्तावित हाईवे तैयार हो जाने से पटना से बेतिया की दूसरी महज 200 किमी रह जाएगी, इस दूरी को 2.5 घंटे में पूरा किया जा सकेगा, इस मार्ग के फोर लेन चौड़ीकरण हो जाने से पटना से बेतिया के रास्ते बाल्मिकी नगर तक का सफर काफी आसान हो जाएगा.