ललितांशु , मुजफ्फरपुर
श्रमिक एक्सप्रेस के स्लीपर कोच एस आठ के शौचालय में लगे आग को बुझाने के दौरान अग्निशमन यंत्र के फटने की जांच के लिए कई टीम बनायी गयी है. सुबह ब्लास्ट की घटना के बाद तत्काल जांच के लिए एफएसएल टीम को मौके पर बुलाया गया.बोगी की जांच के बाद एफएसएल की टीम जीआरपी पहुंची. ब्लास्ट हुए सिलेंडर को जीआरपी थाने में रखा गया है. थाने में पहुंच कर टीम ने थिनर लगा कर अग्निशमन सिलेंडर की जांच की. प्रारंभिक जांच में मामला सामने आया कि सिलेंडर काफी पुराना होने के कारण कंटेनर के निचले हिस्से का प्लेट कमजोर हो चुका था. वहीं भीतर का पाइप जर्जर होने के साथ नीचे के प्लेट में जंग भी लगा था. ऐसे में ट्रेन के कोच में लगे सिलेंडर के मेंटेनेंस को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. हालांकि अग्निशमन सिलेंडर पर पाउडर रिफिल का डेट 22 जुलाई 2023 से 21 जुलाई 2026 तक अंकित है. जांच के लिए एस-8 कोच को ट्रेन से अलग कर जंक्शन पर ही रखा गया है.घटना के बारे में रेलवे की ओर से मंडल स्तर पर बनी टीम ने संयुक्त जांच रिपोर्ट भी मुख्यालय को सौंप दिया है. जिसमें बताया गया है कि कोच में पहले शॉट सर्किट से आग लगी है. बुझाने के क्रम में सिलेंडर की नीचली परत कमजोर थी, इस कारण फट गया. टीम ने सिलेंडर के भौतिक जांच पर भी सवाल उठाया है. देर शाम इस मामले में जीआरपी में यूडी केस दर्ज किया गया है.
ट्रेन के मेंटेनेंस पर सवाल, प्राइमरी जिम्मेवारी वलसाड़ कैरेज की
साप्ताहिक चलने वाली 19051 श्रमिक एक्सप्रेस वलसाड़ से सोमवार को मुजफ्फरपुर आती है. वहीं सोमवार को ही गाड़ी संख्या-19052 रात के 8.10 बजे वलसाड़ के लिये खुलती है. रेलवे के अधिकारियों के अनुसार ट्रेन के अग्निशमन से लेकर वायरिंग सहित प्राइमरी मेंटेनेंस की जिम्मेवारी वलसाड़ कैरेज एंड वैगन की है. मुजफ्फरपुर में कोच की सिर्फ साफ-सफाई होती है. हालांकि इस घटना के बाद वलसाड़ से कैरेज एंड वैगन की टीम भी मंगलवार को जांच के लिये पहुंचेगी. सोनपुर मंडल में संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट दिये जाने के बाद विभागीय स्तर पर कई तरह की बात सामने आ रही है. जिसमें मेंटेनेंस से जुड़े विभाग का कहना है, कि शॉट सर्किट से या बल्कि बीड़ी-सिगरेट या किसी अन्य लापरवाही से आग लगी. अभी प्रत्येक बिंदु पर जांच की जा रही है.
तत्काल रेल एसपी ने पहुंच कर लिया जायजासिलेंडर ब्लास्ट के बाद प्लेटफॉर्म संख्या-5 पर तत्काल रेल एसपी डॉ. कुमार आशीष पहुंचे. उन्होंने घटना के बारे में जानकारी ली. उन्होंने बताया कि आग बुझाने का प्रयास किया गया, जिस दौरान अग्निशामक यंत्र के अचानक फट जाने से गंभीर रूप से प्रधान आरक्षी जख्मी हो गये, अस्पताल ले जाने के दौरान इनकी मृत्यु हो गयी. उन्होंने बताया कि घटना की सभी बिंदुओं पर फॉरेंसिक विभाग की ओर से जांच की जा रही है.
— आइजी पहुंचे, कहा विनोद कुमार के साहस को सम्मान
घटना के बाद सोमवार को आरपीएफ के आइजी अमरेश कुमार जंक्शन पर पहुंचे. उन्होंने मौके पर पहुंच कर पूरे मामले की जानकारी ली. उन्होंने बताया कि हमारे विभाग के कर्मी ने पूरे साहस के साथ आग बुझाने का प्रयास किया. विभाग उनके साहस को सैल्यूट करता है. फॉरेंसिक विभाग व फायर ऑफिसर की ओर से पूरे मामले की जांच की जा रही है. आगे से इस तरह की घटना नहीं हो, इस पर काम किया जायेगा. दोपहर के समय हवलदार को सभी पदाधिकारियों ने खड़े हो कर सम्मान दिया. इस दौरान आरपीएफ के डीआइजी एस लूइस अमूथन, कमांडेंट अमिताभ, आरपीएफ प्रभारी मनीष कुमार सहित आरपीएफ के कर्मी मौजूद थे. —————————————————————————–—- शुक्र है कि ट्रेन से उतर चुके थे यात्री, हो सकता था बड़ा हादसा
स्वीपर की सूचना पर पहुंची आरपीएफवरीय संवाददाता,मुजफ्फरपुर श्रमिक एक्सप्रेस सोमवार को अपने नीयत समय से पहले ही प्लेटफार्म नंबर पांच पर आग गयी थी. शुक्र है कि जिस समय सिलेंडर ब्लास्ट हुआ , सभी यात्री ट्रेन से उतर कर ज चुके थे. प्लेटफार्म पर भीड़ कम थी. प्लेटफॉर्म संख्या-5 पर ट्रेन के प्लेस होने के बाद साफ-सफाई का काम स्वीपर ने शुरू कर दिया. इसी दौरान एस-8 के शौचालय में आग लगने की पहली सूचना स्वीपर ने ही मुजफ्फरपुर आरपीएफ को दी. जिसके बाद तत्काल मौके पर पहुंचने के लिये ड्यूटी पर तैनात हवलदार विनोद कुमार को सूचित किया गया. इसके बाद जंक्शन पर अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी. जानकारी होने के बाद पीछे से कई पुलिस कर्मी पहुंचे. इसी बीच अग्निशमन का सिलेंडर ब्लास्ट होने के बाद जंक्शन पर अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी. आग लगने की सूचना और तेज आवाज के बाद यात्रियों की भीड़ जुट गयी. काफी संख्या में पुलिस कर्मियों को दौड़ते हुए देख कर लोग सहम गये.
कई ट्रेनों में दौड़ रहा है एक्सपायर सिलेंडर
इस पूरे घटना से ट्रेनों में लगे अग्निशमन यंत्र के मेंटनेंस पर सवाल उठने लगा है. मुजफ्फरपुर से गुजरने वाली कई ट्रेनों में एक्सपायर सिलेंडर लगा है. जिसकी हर माह जांच नहीं जाती है. इसके पूर्व भी जंक्शन पर आग बुझाने के क्रम यंत्र के सही से नहीं खुलने के कारण अफरातफरी मच गयी थी. कुछ साल पहले प्लेटफार्म पर लगे पोल में करंट दौड़ने से बड़ा हादसा हो गया था. जिसमें दो यात्रियों की मौत हो गयी थी.यह है नियम :::सिलेंडर की हर महीने होनी चाहिए भौतिक जांच
— अग्निशामक यंत्र का सीरियल नंबर देखें और जांचें कि अग्निशामक यंत्र का लेबल पढ़ने योग्य है या नहीं
— जांच के दौरान यह देखें कि क्या सिलेंडर और अन्य बाहरी धातु के हिस्से जंग, डेंट और क्षति के कगार पर तो नहीं
— जांचें कि नली और सिलेंडर के बीच कनेक्शन सुरक्षित है या नहीं
— निरीक्षण करें कि क्या नली में दरारें हैं, या नोजल में रिसाव है
— जांचें कि क्या लॉकिंग पिन डिस्चार्ज लीवर और हैंडल के छेद से होकर गुजरती है और क्या पिन सील द्वारा अच्छी तरह से सुरक्षित है.
— कई बार पिन डिस्चार्ज लीवर को लॉक कर देता है, और इसे गलती से डिस्चार्ज होने से रोकता है
—————————————————————————————-बॉटम::: 40 मिनट में खत्म होने वाली थी हवलदार की ड्यूटी
वरीय संवाददाता,मुजफ्फरपुर आरपीएफ की ओर से निर्धारित शिफ्ट के अनुसार हवलदार विनोद कुमार की ड्यूटी रात के 12 बजे से सुबह के 8 बजे तक थी. ऐसे में ड्यूटी खत्म होने में महज 40 मिनट का समय बचा था. जानकारी के अनुसार वे जंक्शन पर ही प्लेटफॉर्म संख्या एक के पास चाय पी रहे थे. इसी दौरान आरपीएफ पोस्ट से श्रमिक एक्सप्रेस में आग लगने की सूचना मिली. जिसके बाद भाग कर हवलदर प्लेटफॉर्म संख्या-5 पर कोच में लगी आग को बुझाने पहुंचे.—– बाल-बाल बचे आरपीएफ के सिपाही एनके सिंह
सूचना मिलने के बाद श्रमिक एक्सप्रेस के एस-8 कोच में सबसे पहले हवलदार विनोद कुमार पहुंचे, उनके ठीक पीछे सिपाही एनके सिंह भी पहुंच कर आग बुझाने में मदद करने लगे. इसी दौरान अग्निशमन का दूसरा सिलेंडर ब्लास्ट कर गया. जिसका तेज झटका हवलदार को लगा. वहीं पास में खड़े सिपाही एनके सिंह बाल-बाल बचे. उन्हें हल्की चोट आयी. हर दस मिनट पर बेहोश हो रही थी पत्नीघटना के बारे में सूचना मिलने के बाद हवलदार विनोद कुमार की पत्नी आनन-फानन में जंक्शन पर पहुंच गयी. हालांकि उस समय आरपीएफ की टीम हवलदार को अस्पताल ले कर गये थे. पत्नी का रो-रोक कर बुरा हाल था. हालात यह था कि हर दस मिनट पर उनकी पत्नी बेहोश हो कर गिर जा रही थी. जानकारी के अनुसार बटलर के पास परिवार के साथ क्वार्टर में हवलदार रहते थे. इनके दो बच्चे है. घटना की सूचना पर मृत हवलदार के भाई व अन्य संबंधी भी पहुंच गये. देर शाम परिजन शव लेकर आरा के लिए रवाना हुए.