Muzaffarpur Metro: मुजफ्फरपुर मेट्रो के प्रस्ताव को लेकर लंबे समय से चल रही कवायद के बाद शनिवार को फाइनल मंजूरी दे दी गई. राइट्स द्वारा तैयार 21.25 किलोमीटर लंबे मेट्रो प्रोजेक्ट में दो कॉरिडोर प्रस्तावित हैं. इस मेट्रो रूट की कुल लागत 5559 करोड़ रुपये आंकी गई है. टाउन हॉल में जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इस प्रोजेक्ट को प्रारंभिक मंजूरी दी गई.
पहला कॉरिडोर हरपुर बखरी से रामदयालु नगर तक
इस कॉरिडोर की लंबाई 13.85 किलोमीटर होगी और इसमें कुल 13 स्टेशन बनाए जाएंगे। यह रूट अहियापुर, जीरोमाइल, बैरिया, भगवानपुर, खबरा और अन्य प्रमुख स्थानों से होकर गुजरेगा. यह कॉरिडोर शहर के नेशनल हाईवे (NH-22, NH-27, NH-122 और NH-722) को आपस में जोड़ेगा.
प्रमुख स्टेशन
- हरपुर बखरी
- अहियापुर
- जीरोमाइल चौक
- बैरिया बस स्टैंड
- भगवानपुर चौक
- गोबरसही
- रामदयालु नगर
दूसरा कॉरिडोर: SKMCH से रेलवे स्टेशन तक
इस कॉरिडोर की लंबाई 7.4 किलोमीटर होगी और इसमें 7 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे. यह रूट जीरोमाइल, शेखपुर, अखाड़ाघाट और कंपनीबाग होते हुए रेलवे स्टेशन तक पहुंचेगा.
प्रमुख स्टेशन
- SKMCH
- शेखपुर
- अखाड़ाघाट
- कंपनीबाग
- मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन
बैठक में सुझाए गए नए रूट
बैठक के दौरान पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा ने रूट में संशोधन की मांग की. उन्होंने कहा कि एक कॉरिडोर मुशहरी से शुरू होकर BIADA और पताही एयरपोर्ट तक बनाया जाए। दूसरा रूट झपहां से तुर्की होते हुए रामदयालु नगर तक ले जाया जाए. इस संशोधन से शहर का ट्रैफिक लोड कम होगा और रेलवे को हाजीपुर और सिवान रूट पर ट्रेन संचालन में सहूलियत होगी.
जनप्रतिनिधियों और संगठनों के सुझाव
मुजफ्फरपुर मेट्रो रेल नव निर्माण संघर्ष समिति और बिहार विकास मंच ने भी रूट को शहर के आसपास के क्षेत्रों से जोड़ने की मांग की. उनके अनुसार, यह परियोजना न केवल आवागमन को सुगम बनाएगी, बल्कि क्षेत्र के विकास को भी गति देगी.
ये भी पढ़े: बेंगलुरु से दरभंगा वाली स्पाइसजेट का विमान रद्द,यात्रियों ने बेंगलुरु एयरपोर्ट पर किया हंगामा
परियोजना का महत्व
यह मेट्रो प्रोजेक्ट मुजफ्फरपुर के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा. इससे शहर में बढ़ते ट्रैफिक पर लगाम लगेगी और आसपास के क्षेत्रों का संपर्क मजबूत होगा. साथ ही, पर्यटन के लिहाज से भी यह मेट्रो रूट शहर के लिए फायदेमंद साबित होगा.