मुजफ्फरपुर में कुत्ता पालने का भी लेना होगा लाइसेंस, जानें क्या है नगर निगम का नया प्लान
मुजफ्फरपुर नगर सरकार की पहली बोर्ड मीटिंग 31 जनवरी को टाउन हॉल में होगी. महापौर निर्मला साहू की ओर से एजेंडा के साथ तिथि तय करने के बाद इसका नोटिफिकेशन अपर नगर आयुक्त नंद किशोर चौधरी ने जारी कर दिया है. नोटिफिकेशन 23 जनवरी की तिथि में जारी किया गया है.
मुजफ्फरपुर नगर सरकार की पहली बोर्ड मीटिंग 31 जनवरी को टाउन हॉल में होगी. महापौर निर्मला साहू की ओर से एजेंडा के साथ तिथि तय करने के बाद इसका नोटिफिकेशन अपर नगर आयुक्त नंद किशोर चौधरी ने जारी कर दिया है. नोटिफिकेशन 23 जनवरी की तिथि में जारी किया गया है. इसमें 14 एजेंडा शामिल है. इधर, उप मेयर, विधायक व पार्षदों की नाराजगी को देखते हुए होल्डिंग टैक्स व दुकानों का किराया बढ़ाने वाले दोनों एजेंडा को हटा दिया गया है. हालांकि, शहरी क्षेत्र में सड़कों पर घूमने वाले आवारा कुत्तों की नसबंदी कराने के बाद एंटी रेबीज इंजेक्शन देकर छोड़ा जायेगा. यही नहीं, कुत्ता पालने के शौकीनों को अब नगर निगम से लाइसेंस लेना होगा.
वेटनरी डॉक्टर की होगी प्रतिनियुक्ति
निगम एक वेटनरी डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति करेगा. इनसे कुत्ता पालने वाले लोगों को समय-समय पर कुत्ते की स्वास्थ्य जांच करा रिपोर्ट कार्ड भी निगम में जमा करना होगा. आवारा पशुओं की फिर से धड़-पकड़ कर गौशाला के हवाले करने आदि के मुद्दे पर भी चर्चा के बाद ठोस फैसले लिये जा सकते हैं. शहर की साफ-सफाई से लेकर विकास योजनाओं को तेजी से धरातल पर उतारने एवं आम्रपाली ऑडिटोरियम के निर्माण/मरम्मती (सोलर सिस्टम के साथ) की स्वीकृति देने पर भी चर्चा होगी.
05-10 रुपये होगा सिटी पार्क का इंट्री शुल्क
कंपनीबाग स्थित टाउन हाॅल के बगल में जो सिटी पार्क बना है, इसमें आम पब्लिक को घूमने के लिए 05-10 रुपये का टिकट लेना पड़ेगा. 31 जनवरी को निगम बोर्ड की मीटिंग में इस प्रस्ताव पर भी चर्चा के बाद मुहर लगेगी. इसके अलावा टाउन में कार्यक्रम के लिए किराया पर देने के निर्णय के साथ जो लाइब्रेरी बनी है, इसमें पढ़ने वाले छात्रों को भी मासिक शुल्क देना पड़ सकता है.
पिछली बोर्ड मीटिंग के एजेंडा की संपुष्टि पर होगा विवाद
निगम बोर्ड में पिछली नगर सरकार के कार्यकाल में जो आखिरी बोर्ड की मीटिंग हुई थी, उसकी प्रोसिडिंग को भी संपुष्टि के लिए रखा जायेगा. इससे संबंधित एक प्रस्ताव रखा गया है. हालांकि, पिछली नगर सरकार में कई बार बोर्ड की मीटिंग हुई, जिसकी प्रोसिडिंग निकालने पर काफी विवाद हुआ. ऐसे में किस मीटिंग की प्रोसिडिंग को नगर निगम संपुष्टि के लिए रखता है. इसके बाद मीटिंग के दौरान जो पिछले बोर्ड में भी बतौर पार्षद मौजूद थे, वे लोग हल्ला-हंगामा कर सकते हैं.