सावधान! खुले में मांस-मछली बेचने पर लग सकता है एक लाख का जुर्माना, जानें निगम का नया नियम
अतिक्रमण, प्रतिबंधित प्लास्टिक व खुले में मांस-मछली की बिक्री करने वालों के खिलाफ नगर निगम की कार्रवाई शुरू हो गयी है. लगातार अभियान चलाकर हटाने की कार्रवाई के बाद भी नहीं मानने वाले अतिक्रमणकारियों पर अब नगर निगम आर्थिक दंड लगाना शुरू कर दिया है.
अतिक्रमण, प्रतिबंधित प्लास्टिक व खुले में मांस-मछली की बिक्री करने वालों के खिलाफ नगर निगम की कार्रवाई शुरू हो गयी है. लगातार अभियान चलाकर हटाने की कार्रवाई के बाद भी नहीं मानने वाले अतिक्रमणकारियों पर अब नगर निगम आर्थिक दंड लगाना शुरू कर दिया है. शनिवार को एक साथ नगर निगम के सभी सफाई अंचल इंस्पेक्टर व अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने को बनी चार टीमों के प्रभारी अलग-अलग अभियान चलाकर दोषी लोगों पर जुर्माना लगाया.
14 टीम चला रही हैं अभियान
इस दौरान भारी मात्रा में प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक (पॉलिथीन थैलियों के साथ) जब्त किया गया़ इसके अलावा अतिक्रमण व खुले में मांस-मछली की बिक्री करने को लेकर न्यूनतम 500-1000 रुपये तक का जुर्माना वसूला गया. हालांकि, फाइनल रिपोर्ट कर्मियों ने नगर निगम में जमा नहीं की है. वहीं निगम आयुक्त की तरफ से कार्रवाई के बाद प्रतिदिन शाम को रिपोर्ट नगर निगम ऑफिस में जमा करने का आदेश दिया गया था. बताया जाता है कि 14 टीमें अलग-अलग अभियान चलाकर एक लाख से अधिक रुपये की वसूली की है.
रसीद-बही उपलब्ध कराकर कार्रवाई की मिली जिम्मेदारी
शहर के जितने भी सफाई इंस्पेक्टर व वार्ड जमादार हैं, उन्हें नगर आयुक्त ने गंदगी फैलाने वालों के साथ-साथ अतिक्रमण, खुले में मांस-मछली बेचने व प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक की खरीद-बिक्री के साथ उपयोग करने वालों पर जुर्माना लगाने के लिए अधिकृत किया है. इसके लिए सभी अंचल इंस्पेक्टर को रसीद-बही तक उपलब्ध कराया गया है.
प्रभात अपील : हम क्यों नहीं सुधर रहे?
नगर निगम की शुरू कार्रवाई के बीच एक सवाल भी उठना शुरू हो गया है कि बार-बार अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलता है. दोपहर में सड़कों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाता है, शाम में फिर से कब्जा हो जाता है. इसी तरीके से प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग व खुले में मांस-मछली नहीं बेचने की अपील नगर निगम कर रहा है. लेकिन, लोग सुधर नहीं रहे हैं. ऐसे में प्रभात खबर लोगों से अपील करता है कि आखिर हमलोग अपने दायित्व को कब समझेंगे. शहर की व्यवस्था को ठीक करने के लिए हमें भी अपने आप में सुधार लाने की जरूरत है.