नवरूणा हत्याकांड: CID, CBI, केस की जांच में बदले पांच IO, फिर भी अदालत के सामने मां की आखों से छलक ही रहे आंसू

नवरूणा कांड में शनिवार को विशेष सीबीआई कोर्ट में सुनवाई के दौरान मैत्री चक्रवर्ती विशेष न्यायाधीश सतीश चंद्रा के सामने रो पड़ीं. उन्होंने कोर्ट से कहा कि सीबीआई के फाइनल फॉर्म जमा करने से वे दुखी हैं. एजेंसी ने सभी जांच का काम ठीक किया, लेकिन अचानक सीबीआई ने बिना किसी निष्कर्ष के रिपोर्ट जमा कर दी. यह जान कर उनलोगों को सदमा पहुंचा है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 21, 2021 2:09 PM

नवरूणा कांड में शनिवार को विशेष सीबीआई कोर्ट में सुनवाई के दौरान मैत्री चक्रवर्ती विशेष न्यायाधीश सतीश चंद्रा के सामने रो पड़ीं. उन्होंने कोर्ट से कहा कि सीबीआई के फाइनल फॉर्म जमा करने से वे दुखी हैं. एजेंसी ने सभी जांच का काम ठीक किया, लेकिन अचानक सीबीआई ने बिना किसी निष्कर्ष के रिपोर्ट जमा कर दी. यह जान कर उनलोगों को सदमा पहुंचा है.

इस दौरान नवरूणा के पिता अतुल चक्रवर्ती की ओर से उनके अधिवक्ता शरद सिन्हा ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि इस केस में सीबीआई फाइनल रिपोर्ट जमा कर चुकी है. मेरे मुवक्किल को हाजिर होकर अपना पक्ष रखने के लिए सम्मन किया गया था.

सीबीआई ने कई लोगों को इस मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा और सालों तक अनुसंधान को लटकाये रखा. इस केस में संचिका का अध्ययन करना जरूरी है. आवेदन देने पर संचिका का अवलोकन किया गया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने स्टेटस रिपोर्ट सील बंद जमा किया है. इसलिए आगे की कार्रवाई के लिए स्टेटस रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाये. कोर्ट ने सुनवाई के बाद 6 मार्च को अगली तिथि निर्धारित की है.

फाइनल रिपोर्ट में सीबीआई ने कहा है कि चक्रवर्ती लेन के नाले से 26 नवंबर 2012 को मिले कंकाल और हड्डियों की डीएनए जांच करायी गयी थी. इसका मिलान अतुल चक्रवर्ती के डीएनए से किया गया. इससे यह स्पष्ट हो गया है कि नाले से मिली हड्डियां और कंकाल नवरुणा की ही थी. इस तरह अपहरण के बाद नवरुणा की हत्या कर दी गयी और शव को नाले में सड़ा-गला दिया गया.

Also Read: Bihar School Reopen: बिहार में 1 मार्च से खुलेंगे कक्षा 1 से 5 तक के सभी स्कूल, जानें कितने बच्चों को क्लास में बैठने की मिलेगी अनुमति

– 18/19 सितंबर 2012 की रात जवाहरलाल राेड स्थित घर से अतुल्य चक्रवर्ती की 14 वर्षीय पुत्री नवरूणा का साेयी अवस्था में अपहरण हुआ था.

– 26 नवंबर 2012 काे घर के सामने नाला से नवरूणा का कंकाल मिला

– 12 जनवरी 2013 काे सीआईडी काे केस साैंपा गया, लेकिन कार्रवाई नहीं

– 14 फरवरी 2014 काे सीबीआई ने केस अपने अधीन लिया

– 18 फरवरी 2014 काे पहली बार मुजफ्फरपुर आई सीबीआई की टीम

– सीबीअाई के पांच आईओ मामले में बदल चुके हैं,

– वर्तमान आइओ अजय कुमार शुरू से छानबीन की टीम से जुड़े रहे

– 14-12-2019 काे अंतिम बार सीबीआइ की टीम नवरूणा के पिता से मिली

Posted By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version