Muzaffarpur News: गाड़ी चालान के नाम पर साइबर ठगी, रिटायर्ड डॉक्टर और प्रोफेसर बने शिकार
Muzaffarpur News: साइबर ठगी करने वाले अब नए तरीके अपना रहे हैं. बिजली बिल, लॉटरी, या ऋण वसूली जैसे फर्जी मैसेज के बाद, अब वे गाड़ी के चालान के नाम पर लोगों को निशाना बना रहे हैं.
Muzaffarpur News: साइबर ठगी करने वाले अब नए तरीके अपना रहे हैं. बिजली बिल, लॉटरी, या ऋण वसूली जैसे फर्जी मैसेज के बाद, अब वे गाड़ी के चालान के नाम पर लोगों को निशाना बना रहे हैं. हाल ही में, पटना के एक रिटायर्ड डॉक्टर और प्रोफेसर को इस तरह के मैसेज मिले, जिसने उन्हें चिंतित कर दिया.
कैसे होती है यह ठगी?
रिटायर्ड डॉक्टर के मोबाइल पर तीन महीने पहले एक टेक्स्ट मैसेज आया, जिसमें किसी गाड़ी का चालान जमा न करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी. हालांकि, गाड़ी का नंबर उनका नहीं था। कुछ दिनों बाद, व्हाट्सऐप पर भी चालान का फर्जी मैसेज आया. डर से डॉक्टर ने जिला परिवहन कार्यालय पहुंचकर जांच कराई. जांच में पता चला कि न तो गाड़ी उनका थी, न ही मोबाइल नंबर. इसी तरह, एक रिटायर्ड प्रोफेसर को भी व्हाट्सऐप पर चालान का मैसेज मिला. जब उन्होंने जिला परिवहन कार्यालय में जांच कराई, तो यह मामला भी फर्जी निकला.
डिजिटल चालान की असली प्रक्रिया
जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) कुमार सत्येंद्र यादव ने बताया कि चालान का असली मैसेज सिर्फ गाड़ी के पंजीकरण में दर्ज मोबाइल नंबर पर टेक्स्ट मैसेज के रूप में भेजा जाता है. व्हाट्सऐप पर कोई वैध मैसेज नहीं भेजा जाता. सही चालान मैसेज में लिंक के साथ गाड़ी और चालान की पूरी जानकारी होती है.
सावधानी बरतें
- चालान के मैसेज में दी गई लिंक को क्लिक करने से पहले जानकारी की पुष्टि करें.
- व्हाट्सऐप पर आने वाले मैसेज से सावधान रहें.
- अपनी गाड़ी के पंजीकरण में दर्ज मोबाइल नंबर अपडेट रखें.
- इसके लिए डीटीओ कार्यालय द्वारा क्यूआर कोड की सुविधा दी गई है.
डीटीओ की सलाह
डीटीओ ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. कोई भी संदिग्ध मैसेज मिलने पर जिला परिवहन कार्यालय में जाकर उसकी पुष्टि करें. साथ ही, इस तरह की ठगी से बचने के लिए अपने मोबाइल नंबर और गाड़ी की जानकारी को सुरक्षित रखें.