काम में लापरवाही पकड़े जाने पर बिहार में अफसरों पर 6.33 लाख का लगा जुर्माना, वसूली हुई शुरू

डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने विकास योजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकारियाें को कार्य के तौर तरीके में बदलाव लाते हुए योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने का सख्त निर्देश दिया. कहा कि लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जायेगी. कलेक्ट्रेट सभागार में आरटीपीएस, लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, ऑनलाइन म्यूटेशन, पीएमआवास योजना ग्रामीण, नल जल योजना, मनरेगा, शौचालय निर्माण सहित अन्य विभागों की विस्तार से समीक्षा हुई. आरटीपीएस से संबंधित लंबित मामलों की धीमी प्रगति पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त की.

By Prabhat Khabar News Desk | December 22, 2020 8:13 AM

डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने विकास योजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकारियाें को कार्य के तौर तरीके में बदलाव लाते हुए योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने का सख्त निर्देश दिया. कहा कि लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जायेगी. कलेक्ट्रेट सभागार में आरटीपीएस, लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, ऑनलाइन म्यूटेशन, पीएमआवास योजना ग्रामीण, नल जल योजना, मनरेगा, शौचालय निर्माण सहित अन्य विभागों की विस्तार से समीक्षा हुई. आरटीपीएस से संबंधित लंबित मामलों की धीमी प्रगति पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त की.

अधिकारियों पर लगा जुर्माना

उन्होंने कहा कि लापरवाही नहीं चलेगी. आरटीपीएस के तहत समय पर मामला का निपटारा नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों पर 633830 जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से 172000 की वसूली ही हो पायी है. बैठक में उप विकास आयुक्त सुनील कुमार झा, अपर समाहर्ता राजेश कुमार, अपर समाहर्ता लोक शिकायत निवारण अशोक कुमार सिंह, अपर समाहर्ता विभागीय जांच ओम प्रकाश के साथ सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे. वहीं, सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे.

एसएसपी व नगर आयुक्त कार्यालय का प्राधिकार में उपस्थिति संतोषजनक नहीं

लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम से संबंधित विस्तारित मामले की समीक्षा की गयी. लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने बताया गया की 88 प्रतिशत मामला आपदा से संबंधित है, जिसमें बाढ़ राहत के मामले अधिक हैं. बताया गया कि सिविल सर्जन नोडल पदाधिकारी बैंकिंग, अपर समाहर्ता राजस्व,कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग, कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण विभाग एवं डीएफओ ये वैसे लोक प्राधिकार हैं, जिनकी उपस्थिति संतोषजनक रही है. जबकि जिला पंचायती राज पदाधिकारी, अपर समाहर्ता आपदा ,एसएसपी कार्यालय, जिला शिक्षा अधिकारी और जिला आपूर्ति अधिकारी तथा नगर आयुक्त कार्यालय के प्राधिकार का सुनवाई के क्रम में उपस्थिति कम देखने को मिली है. डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि सुनवाई के क्रम में लोक प्राधिकार अपनी उपस्थिति को सुनिश्चित करें, ताकि लंबित मामलों का निष्पादन किया जा सके. विस्तारित अवधि (60 दिन के बाद जिन मामलों को विस्तारित किया गया) के मामलों में आपदा प्रबंधन के 195, शिक्षा विभाग के 35 ,आपूर्ति 19, एडीएम राजस्व 8 मामले लंबित हैं.

औराई में एक सप्ताह जीरो दाखिल खारिज

दाखिल खारिज की समीक्षा के क्रम में औराई अंचल अधिकारी से स्पष्टीकरण पूछा गया. दरअसल, औराई में पिछले सप्ताह एक भी मामला का डिस्पोजल नहीं किया गया. 63 दिन के ऊपर के 652 मामले उनके यहां पेंडिंग हैं. ई म्यूटेशन की समीक्षा में बताया गया कि 185041 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें 94997 का डिस्पोजल किया गया. 40348 को रिजेक्ट किया गया. इस तरह कुल 73.14 प्रतिशत जिले की उपलब्धि रही. मुरौल में 85 प्रतिशत जबकि बोचहां में 81 प्रतिशत मामलों का निष्पादन किया गया. डीएम ने सीओ को सख्त निर्देश दिया गया कि एक सप्ताह के अंदर दाखिल-खारिज को पूरा करें.

नल जल में गड़बड़ी को 15 दिन में करें दुरुस्त

नल जल योजना के जांच में आयी गड़बड़ी को दुरुस्त कर सभी बीडीओ 15 दिन के अंदर रिपोर्ट करने को कहा गया. जिले के विभिन्न प्रखंडों के वरीय प्रभारी पदाधिकारियों को कहा गया कि जांच के क्रम में राशि के दुरुपयोग के मामले आते होते है तो संबंधित पर कार्रवाई करें. डीएम ने स्पष्ट कहा कि कार्य की गुणवत्ता,राशि का दुरुपयोग आदि के मामला जैसे ही संज्ञान में आता है तो संबंधित बीडीओ, पंचायत सचिव,अन्य कर्मियों,एजेंसियो के साथ वरीय पदाधिकारियों पर भी जिम्मेदारी तय की जाये. जिला पंचायती राज पदाधिकारी को चेताया कि योजनाओं के क्रियान्वयन का मॉनिटरिंग गंभीरतापूर्वक करें.

50 फीसदी आवास का हुआ निर्माण

पीएम आवास योजना ग्रामीण के समीक्षा के क्रम में बताया गया कि 2016-17 2017-18 से अभी तक कूल 97558 आवास स्वीकृत किए गए है. जिसके विरूद्ध 47097 आवासों का निर्माण हुआ जो कि कुल का पचास प्रतिशत है. आवासों की संख्या के आधार पर सबसे अधिक आवास मीनापुर में 5327 आवास का निर्माण हुआ है जबकि 4507 आवास का निर्माण सरैया में हुआ है. सभी वरीय प्रभारी अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रखंडों में विजिट के दौरान नल जल योजना के साथ-साथ पीएम आवास ग्रामीण और शौचालय निर्माण की जांच करनी है. सामुदायिक शौचालय की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि कुल 770 लक्ष्य के विरुद्ध 528 का ले आउट कार्य शुरू किया गया था. जिसमें 337 सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जा चुका है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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