Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर का बैंक रोड व्यापारिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है, जो रेडिमेड और कपड़ों की मंडी के रूप में प्रसिद्ध है. सूतापट्टी कपड़ा मंडी के बाद यह क्षेत्र दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक केंद्र है. यहां हर रोज लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का कारोबार होता है. इस क्षेत्र में कुल 196 दुकानें हैं, जिनमें से 102 दुकानें रेडिमेड कपड़े की हैं और बाकी की दुकानें लहठी, शृंगार प्रसाधन, दवा और साइकिल पार्ट्स की होलसेल के लिए हैं.
स्ट्रीट लाइट की कमी के कारण यहां कपड़ों की चार दुकानों में चोरी
हालांकि, यहां कारोबार के बावजूद बुनियादी सुविधाओं का भारी अभाव है. स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल होने के बाद भी इस क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट, सार्वजनिक शौचालय, पेयजल और पिंक टॉयलेट जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. दुकानदारों और ग्राहकों को इस कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हाल ही में स्ट्रीट लाइट की कमी के कारण यहां कपड़ों की चार दुकानों में चोरी की घटनाएं हुईं. व्यापारियों का कहना है कि यदि यहां की बुनियादी सुविधाओं में सुधार होता तो बाजार का विकास और ज्यादा होता.
दुकानदार मो. फिरोज ने कहा कि खरीदारी करने आयी महिलाओं को विशेष तौर पर यहां काफी परेशानी होती है. वे शौचालय की कमी और अंधेरे में होने की वजह से असुविधाओं का सामना करती हैं.
रात्रि में पुलिस गश्त की कमी
रात के समय बैंक रोड पूरी तरह अंधेरे में डूब जाता है, क्योंकि यहां स्ट्रीट लाइट का कोई इंतजाम नहीं है. इसके अलावा, पुलिस गश्त की भी कमी है, जिससे चोरी और अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं. दुकानदारों का कहना है कि रात के समय यह सड़क उचक्कों का अड्डा बन जाती है, और शटर कटवा गिरोह का खतरा भी ज्यादा बढ़ गया है.
ये भी पढ़े: मुजफ्फरपुर में विदेश भेजने के नाम पर चल रहा था ठगी, जमुई में बड़े नेटवर्क का हुआ खुलासा
स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत समाधान का अभाव
बैंक रोड स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत है, लेकिन यहां पर कोई काम नहीं किया गया है. स्ट्रीट लाइट की कमी और बुनियादी सुविधाओं की समस्या के समाधान के लिए नगर आयुक्त और डीएम को कई बार पत्र लिखे गए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. व्यापारियों का कहना है कि अगर इन समस्याओं का जल्द समाधान नहीं हुआ तो व्यापार में और भी रुकावट आ सकती है.