Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर-पटना से बेतिया तक जाने में अभी लोग पांच से छह घंटे में सफर करते हैं. लेकिन पटना-बेतिया फोरलेन एक्सप्रेस वे के निर्माण से करीब तीन घंटे की बचत होगी. इस सड़क के बनने से केवल तीन घंटे में पटना से बेतिया जा सकेंगे. पटना में एम्स गोलंबर से दीघा के जेपी सेतु होते हुए यह सड़क बकरपुर से मानिकपुर, साहेबगंज, केसरिया और अरेराज होते हुए बेतिया के निकट एनएच 727 से जुड़ जायेगी. एनएचएआइ के अनुसार पटना में जेपी सेतु के समानांतर बनने वाली 6.92 किमी लंबाई में छह लेन पुल इसी सड़क का हिस्सा है. इसमें कहा गया है कि पहले चरण का निर्माण कार्य प्रगति पर है, और यह चरण पूरा होने के बाद दूसरे चरण का काम शुरू हो जाएगा. दूसरे चरण की कुल दूरी मानिकपुर से साहेबगंज तक 44.65 किलोमीटर है. एक्सप्रेस वे का तीसरा चरण साहेबगंज से अरेराज तक है, जिसकी लंबाई 39.64 किलोमीटर है, और चौथा चरण अरेराज से बेतिया तक है. इन चरणों पर निर्माण एजेंसियां तय होने के बाद शुरू होगा.
फोरलेन का 40 किलोमीटर हिस्सा पूर्वी चंपारण में
परियोजना की कुल लंबाई 163.68 किमी. है. राजधानी पटना से पश्चिमी चंपारण बेतिया तक यह सड़क चंपारण में ग्रीन बेल्ट से होकर निकलेगी. पटना से लेकर बेतिया तक इस फोरलेन सड़क का करीब 40 किलोमीटर हिस्सा पूर्वी चंपारण में है. संयुक्त चंपारण में हरित क्षेत्र से होकर निकल रही 45 मीटर चौड़ी सड़क होगी. एनएचएआइ की ओर से पूरी परियोजना को चार पैकेजों में विभाजित किया गया है. इसके 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है. परियोजना की अनुमानित कीमत 5,997.72 करोड़ रुपये हैं. पहला चरण वैशाली के बकरपुर से मुजफ्फरपुर के मानिकपुर तक फैला है. 38.81 किलोमीटर लंबे चरण का निर्माण पिछले साल शुरू हुआ था.
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पर्यटन का भी होगा विकास
जानकारों के अनुसार, यह सड़क बनने के साथ न सिर्फ इलाके की आर्थिक स्थिति में बदलाव होगा, बल्कि इलाके के लोगों के लिए पर्यटन के क्षेत्र में संभावनाओं के द्वार भी खुलेंगे. लोग इलाज के लिए राज्य के सबसे बेहतर चिकित्सालय अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान आसानी से कनेक्ट हो जायेंगे. इलाके में पर्यटन की संभावनाओं की राह भी आसान होगी. इस सड़क के जरिए लोग आसानी से केसरिया बौद्ध स्तूप, अरेराज स्थित सोमेश्वरनाथ मंदिर व वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से जुड़ सकेंगे.