16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अपने हौसले और जुनून से परचम लहरा रहीं मुजफ्फरपुर की बेटियां, इस क्षेत्र में पायीं सफलता 

Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर जिले की बालिकाएँ अब शिक्षा, खेल और कला में अपनी पहचान बना रही हैं. सरकारी योजनाओं और परिवार के समर्थन से इन बेटियों ने न केवल अपनी मंजिल तय की है, बल्कि राज्य और देश स्तर पर भी सम्मान हासिल किया है. ये बदलते बिहार की प्रतीक हैं.

Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर जिले की बालिकाएँ अब हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं. शिक्षा, खेल और कला में उनकी मेहनत और जुनून न केवल उनकी मंजिल तय कर रहे हैं, बल्कि वे राज्य और देश स्तर पर सम्मान भी पा रही हैं. यह बदलते बिहार की सशक्त तस्वीर है, जहाँ सरकारी योजनाओं और परिवार के समर्थन से बेटियाँ अपनी प्रतिभा को निखार रही हैं.

समाज में महिलाओं को मिले प्रोत्साहन ने इन बालिकाओं को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने की दिशा दी है. आज हर क्षेत्र में बेटियाँ अपनी सफलता की मिसाल पेश कर रही हैं. इस कड़ी में एक बेटी को गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रपति द्वारा आमंत्रित किया गया है. यहाँ हम ऐसी ही प्रेरणादायक बालिकाओं की सफलता की कहानियाँ पेश कर रहे हैं.

बाल विवाह और नशापान के खिलाफ संघर्ष

बंदरा प्रखंड के पीरापुर गांव की 12 वर्षीय विजया भारती, जो कभी बाल संसद की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं, बाल विवाह और बालिका शिक्षा के लिए काम कर रही हैं. हाल ही में मुंबई में आयोजित ‘‘शिक्ष्राग्रह’’ कैंपेन में उसे कविता प्रस्तुत करने का अवसर मिला था, जहां उसे शानदार प्रस्तुति के लिए सम्मानित किया गया. यह उसकी पहली हवाई यात्रा थी। विजया कहती हैं कि उनका उद्देश्य समाज में बाल विवाह और नशापान के खिलाफ जागरूकता फैलाना है.

चित्रकला में अपने हुनर का लोहा मणवाने वाली बालिका

बैरिया की विनीता ने चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया. वह अपनी एक्रेलिक पेंटिंग और पोर्ट्रेट कला से जिले में ही नहीं, बल्कि राज्य और देश में भी पहचान बना रही हैं. विनीता को हाल ही में केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री डॉ. राजभूषण चौधरी द्वारा सम्मानित किया गया. वह पेंटिंग की दुनिया में अपने हुनर को और निखारने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं और देशभर में शहर का नाम रोशन करना चाहती हैं.

गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा आमंत्रित कला की हस्ती

कटरा के चंगेज गांव की रहने वाली ज्योति सिन्हा, जो दिव्यांग होने के बावजूद अपनी कला के माध्यम से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकी हैं, इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रपति द्वारा आमंत्रित की गई हैं. उन्हें मधुबनी कला में रुचि है और वह बच्चों को पेंटिंग की शिक्षा देती हैं. अपने समर्पण और मेहनत के कारण उन्हें बिहार कला पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है. उनका यह सम्मान उनके जीवन का सबसे खुशनुमा पल है.

ये भी पढ़े: बिहार में टला बड़ा रेल हादसा, कई ट्रेनों का परिचालन ठप, यात्रियों में अफरा-तफरी

बदलते समाज में बेटियाँ अपनी पहचान बना रही हैं

मुजफ्फरपुर जिले की इन बेटियों की सफलता यह साबित करती है कि यदि उन्हें सही अवसर मिले, तो वे किसी भी चुनौती का सामना कर अपनी मंजिल तक पहुँच सकती हैं. इनकी कहानियाँ न सिर्फ प्रेरणादायक हैं, बल्कि यह बिहार के बदलते चेहरे को भी दिखाती हैं, जहाँ बेटियाँ हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रही हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें