Muzaffarpur News: सावधान! जिले में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामले, 13 नए मरीजों के साथ आंकड़ा 200 पार
Muzaffarpur News: जिले में डेंगू के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। लगातार इसके मरीज मिल रहे हैं। बीते दिन यानी रविवार को जिले में 13 नए मरीज मिले। इसके साथ ही कुल मरीजों की संख्या 210 पहुंच गई है।
Muzaffarpur News: जिले में डेंगू का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है. रोजाना 10 से 13 मरीज मिल रहे हैं. रविवार को 13 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई. सरकारी व निजी अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतार लग रही है. इसमें सबसे ज्यादा मरीज बाहर से आने वाले बताये गये हैं. डॉक्टरों का मानना है कि दिवाली के बाद स्थिति सामान्य हो जानी चाहिए थी, लेकिन छठ में दूसरे जिलों से आने वाले लोग डेंगू की चपेट में हैं. इधर जनवरी से अब तक जिले में डेंगू के 210 पॉजिटिव रोगी पाये गये हैं.
परिजन घबराने की बजाय देखभाल करें
सदर अस्पताल के जिला वेक्टर डिजीज अधिकारी डॉ सुधीर ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग कई एहतियाती कदम उठा रहा है, लेकिन ज्यादा केस चिंता बढ़ा रहे हैं. लोगों से आग्रह किया कि डेंगू के लक्षण दिखने पर घबराने की बजाय सही तरीके से देखभाल करें और अधिक से अधिक तरल पदार्थ और पोषक तत्वों से युक्त फलों का सेवन करें, ताकि शरीर को मजबूत रखा जा शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से संपर्क करें.
ये हैं डेंगू के प्रमुख लक्षण
डेंगू के मरीजों में तेज बुखार, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, सिर में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसके अलावा आंखों मे दर्द, जी मिचलाना और उल्टी होना जैसे लक्षण भी दिखते हैं। गंभीर मामलों में नाक, मुंह व मसूड़ों से खून आना व स्किन पर चकत्ता उभरने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कैसे फैलता है डेंगू
बता दें, डेंगू लोगों में एडीज प्रजाति की मादा मच्छरों के काटने से फैलता है। कभी-कभी टाइगर मच्छर यानी एडीज एल्बोपिक्टस के काटने से भी यह बीमारी फैलती है। जब एडीज प्रजाति का मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता है और उसके बाद वह स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, जिससे वह भी संक्रमित हो जाता है। बता दें, यह वायरस गर्भवती महिला से उसके शिशु में या रक्तदान के माध्यम से भी फैल सकता है।
ऐसे करें बचाव
एडीज मच्छर जमे हुए पानी में पनपता है। ऐसे में घर के कूलर, पानी टंकी, चिड़ियो के लिए बर्तन में रखे गए पानी, फ्रिज के ट्रे और पौधों के गमलों में पानी को अधिक समय तक पानी न जमा होने दें। उसे हमेशा बदलते रहें।