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मुजफ्फरपुर: सदर अस्पताल की खुली पोल, महिला ओपीडी में सुबह से शाम हो गयी, नहीं आये डॉक्टर

मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाएं देखने गुरुवार को केरल की इ-स्वास्थ्य की टीम सदर अस्पताल पहुंची. व्यवस्था देख टीम खुश थी, लेकिन मरीज नहीं रहने पर हंगामा करते दिखे

मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाएं देखने गुरुवार को केरल की इ-स्वास्थ्य की टीम गुरुवार को सदर अस्पताल पहुंची. टीम सबसे पहले एसएनसीयू गयी. वहां पहुंच कर स्वास्थ्य सुविधाओं जायजा लिया. टीम एसएनसीयू ने भर्ती बच्चों को देखा. केरल से आये डॉक्टर सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था देख कर खुश थे,वहीं नीचे महिला ओपीडी में पिछले सात घंटे से डॉक्टर के नहीं आने के कारण मरीज हंगामा कर रहे थे. हालांकि टीम को इसकी जानकारी नहीं हुई. वे ऊपरी तल पर ही स्वास्थ्य सुविधाओं की जायजा लेते रहे.

इधर महिला ओपीडी में सात घंटे से डॉक्टर के नहीं आने के कारण महिलाएं काफी परेशान थीं. डॉक्टर आयेंगी या नहीं, यह बताने वाला भी कोई नहीं था. मरीजों का कहना था कि वे सुबह 11 बजे यहां पहुंची हैं. रजिस्ट्रेशन कराने के बाद से डॉक्टर का इंतजार कर रही है. शाम पांच बज गये. कुछ पता नहीं चल रहा है. बड़ा बिल्डिंग और डॉक्टर का चैंबर तो बना हुआ है, लेकिन डॉक्टर का अता-पता नहीं है. स्वास्थ्य अधिकारी और अस्पताल प्रबंधक केरल की टीम के साथ व्यस्त थे. मरीजों की परेशानी सुनने वाला कोई नहीं था.


सात घंटे हो गये, अब घर कैसे जायेंगे
डॉक्टर से इलाज कराने आयी महुआ की शाइस्ता निगार ने कहा कि सुबह नौ बजे घर से चले थे. यहां 11 बजे से बैठे हुए हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं आयीं. पूरा दिन बर्बाद हो गया. अब घर लौटेंगे तो भी रात हो जायेगी. अगर सुबह में ही पता चल जाता कि डॉक्टर नहीं आयेंगी तो लौट जाते. यहां न तो एएनएम कुछ बताती हैं और न ही अस्पताल को कोई कर्मी


सुबह से हो गयी शाम, नहीं मिली महिला डाॅक्टर
दामोदर से आयी मुन्नी खातून ने कहा कि सुबह में डॉक्टर नहीं आयी तो सोचे कि शाम वाली शिफ्ट में आयेंगी. इस इंतजार में बैठे रहे गये, लेकिन अब बिना डॉक्टर से दिखाये वापस जाना पड़ रहा है. हम तो यहां यह सोचकर आये थे कि सदर अस्पताल में अब इलाज की सुविधा पहले से अच्छी हो गयी है, लेकिन यहां तो पहले से भी ज्यादा स्थिति खराब हो गयी है


ऑनलाइन स्वास्थ्य सुविधाओं से परिचित हुई केरल की टीम
केरल की टीम ने हर दिन कितने मरीजों का इलाज ऑनलाइन सुविधा से की जा रही है, इसकी जानकारी ली. साथ ही भव्या पोर्टल पर ऑनलाइन रेजिस्ट्रेशन कैसे होता है. किस तरह की बीमारी से पीड़ित बच्चे आते हैं. डेटा कैसे संग्रह करते हैं, इसकी विस्तार से जानकारी ली. डीपीएम रेहान अख्तर और अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार इसकी जानकारी दे रहे थे. टीम ने इससे पहले सकरा पीएचसी का भी मुआयना किया.

वहां आशा के तहत चल रहे पायलेट प्रोजेक्ट के कार्य का अवलोकन किया. टीम में डॉ राजू के साथ अन्य डॉक्टर शामिल थे. उनके साथ राज्य स्वास्थ्य समिति से आये डॉ रंजन कुमार ने कहा कि इससे पहले भी आंध्र प्रदेश की टीम ने यहां की इ-स्वास्थ्य सुविधा देखने पहुंची थी. केरल की टीम यहां यह देखने आयी है कि मुख्यमंत्री डिजिटल योजना के तहत आखिर ऐसा किया जा रहा है, जिससे मरीजों को सारी सुविधायें ऑनलाइन मिल रही है. इसकी चर्चा.पूरे देश में है. टीम ने भव्या बिहार हेल्थ के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को देखा.साथ ही आइपीडी में भर्ती करने का ऑनलाइन सिस्टम, मरीजों की रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी जांच की ऑनलाइन पंजीकरण सहित अन्य चीजों की जानकारी ली है.

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