Muzaffarpur News: राजस्व वसूली को लेकर बिजली कंपनी ने जिले में उपभोक्ताओं के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया है. बिजली कंपनी द्वारा जिले में पहले चरण के तहत 76 हजार उपभोक्ताओं को चिह्नित किया गया है, जो महीनों से अपना मीटर रिचार्ज नहीं करा रहे हैं. आज के समय में बिना बिजली के रह पाना संभव नहीं है. इसको लेकर जेइ की टीम प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक ऐसे उपभोक्ताओं की जांच कर रही है. जांच शुरू होने के बाद 21000 उपभोक्ताओं ने अपने मीटर का रिचार्ज कराया. वहीं वैसे उपभोक्ता जिनके ऊपर बकाया था और वह रिचार्ज नहीं कर रहे थे. ऐसे करीब एक सौ से अधिक उपभोक्ताओं का बिजली कनेक्शन काट दिया गया और उनका मीटर हटा दिया गया है.
कुछ मामलों में घर खाली थे
रिचार्ज नहीं होने की जांच में अधिकांश मामले ऐसे थे, जिसमें घर में कोई रह नहीं रहा था, इसलिए उसका रिचार्ज नहीं किया जा रहा था. वहीं कुछ जगहों पर बिजली चोरी की शिकायत मिली, जिसमें उपभोक्ता के ऊपर स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. शहरी वन डिवीजन के कार्यपालक अभियंता विजय कुमार ने बताया कि उनके यहां 4836 ऐसे मामले हैं, जिनमें अब तक 1800 की जांच की गयी, चार मामलों में चोरी पकड़ी गयी जिसमें प्राथमिकी दर्ज की गयी. अधिकांश मामलों में घर खाली थे.
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हर महीने लगता है फिक्स्ड डिमांड चार्ज
उपभोक्ता घर में नहीं रहते है तो बिजली की खपत नहीं होती. लेकिन कनेक्शन का प्रति किलोवाट के हिसाब से फिक्स्ड डिमांड चार्ज हर महीने के बिल में एड होता है. उदाहरण के तौर पर एक शहरी घरेलू उपभोक्ता का एक किलोवाट का फिक्स्ड डिमांड चार्ज 80 रुपये है. अगर दो किलोवाट का कनेक्शन है तो हर महीने उनको 160 रुपये देने होंगे. रिचार्ज नहीं कराने पर यह राशि बकाया होती चली जाती है, हर महीने जब उपभोक्ता का बिल जेनरेट होता है तो बकाया राशि पर ब्याज जुड़ता है. ऐसे में जो उपभोक्ता अपने घर में नहीं रहते और उन्होंने जितने किलोवाट का कनेक्शन ले रखा उतनी राशि का हर महीने रिचार्ज कराते हैं तो उन्हें इस तरह की परेशानी नहीं होगी.