Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार के जिलों में ठंड ने जिंदगी की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है. शीतलहर और घने कोहरे की दोहरी मार ने हालात को और मुश्किल बना दिया है. दिन में हल्की धूप की झलक तो मिली, लेकिन शाम होते ही ठंड ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया. सुबह से लेकर रात तक गलन और ठिठुरन ने लोगों का घरों से बाहर निकलना दूभर कर दिया है. बच्चों और बुजुर्गों के साथ आम लोग भी इस कड़ाके की ठंड से बेहाल हैं. वहीं, कोहरे के कारण यातायात पर भी असर पड़ा है, जिससे गाड़ियां और ट्रेनें रेंगती नजर आ रही हैं.
तापमान में गिरावट और बढ़ी ठंड
मौसम विभाग के अनुसार, पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी और पछुआ हवाओं के कारण गलन बढ़ी है. रविवार को मुजफ्फरपुर में अधिकतम तापमान 20.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 9.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम वैज्ञानिक डॉ. एके सत्तार ने बताया कि ठंड से फिलहाल राहत की उम्मीद नहीं है. सुबह 10-11 बजे तक घना कोहरा रहेगा और दिन में हल्की धूप निकलने की संभावना है.
ठंड और कोहरे की वजह से सड़कों और रेल यातायात पर भी असर पड़ा है. विजिबिलिटी में कमी के कारण हाईवे पर वाहन धीरे-धीरे रेंगते नजर आए. दिन के समय भी गाड़ियों को हेडलाइट जलाकर चलना पड़ा। ट्रेनों की रफ्तार पर भी इसका असर दिखा, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
लोगों का घरों से निकलना हुआ दूभर
कड़ाके की ठंड के कारण लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. दिन के समय काम करने में ठिठुरन बाधा बन रही है, जबकि रात में शीतलहर हड्डियों तक को ठिठुरने पर मजबूर कर रही है. ठंड का सबसे अधिक असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है. साथ ही, खांसी, जुकाम और सर्दी के मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है.
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ठंड से बचाव के उपाय जरूरी
मौसम विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को गर्म कपड़े पहनने और सर्दी से बचाव के अन्य उपाय अपनाने की जरूरत है. प्रशासन को भी अलाव और रैनबसेरों की व्यवस्था सुनिश्चित करने की अपील की जा रही है.