20 साल के युवक ने नाव हादसे में बचाई थी 4 जिंदगियां, मरणोपरांत मिला ‘जीवन रक्षा पदक’
Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर जिले के एक साहसी युवक को मरणोपरांत 'जीवन रक्षा पदक' से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान उन्हें बागमती नदी में 14 सितंबर 2023 को हुए एक बड़े नाव हादसे के दौरान चार बच्चों की जान बचाने के लिए दिया गया, जिसमें उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना साहस का परिचय दिया.
Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट प्रखंड के बलौर निधि पंचायत के भटगांवा गांव के रहने वाले पिंटू सहनी को उनकी वीरता और बलिदान के लिए मरणोपरांत जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया है. इस सम्मान से न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे गांव में गर्व और खुशी का माहौल है.
नाव हादसे में दिखाया अद्वितीय साहस
14 सितंबर 2023 को भटगांवा घाट पर बागमती नदी में एक बड़ा नाव हादसा हुआ था. सुबह करीब 10:20 बजे मधुरपट्टी गांव से आए 32 लोग नाव पलटने के कारण नदी में डूबने लगे. स्थानीय नाविकों और गोताखोरों ने मिलकर 20 लोगों को बचा लिया, लेकिन 12 लोग अब भी नदी के तेज बहाव में फंसे हुए थे.
इसी दौरान पिंटू सहनी, जो आधार कार्ड लेकर राशन लेने के लिए घर से निकले थे, घाट पर पहुंचे और स्थिति को देखा. अपनी जान की परवाह किए बिना, उन्होंने बागमती नदी में छलांग लगाई और चार बच्चों को एक-एक करके डूबने से बचाया. लेकिन यह साहसिक प्रयास उनकी जिंदगी की आखिरी कोशिश साबित हुई. बच्चों को बचाने के बाद, पिंटू खुद गहरे पानी में समा गए.
परिवार और गांव में गमगीन गर्व
पिंटू के बलिदान ने पूरे गांव को गम और गर्व से भर दिया. उनके भाई भोगेंद्र सहनी आज भी उस मंजर को याद कर भावुक हो जाते हैं. उनका कहना है कि पिंटू ने अपनी जान देकर चार मासूम जिंदगियां बचाईं, और यह बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा.
मरणोपरांत मिला ‘जीवन रक्षा पदक’
पिंटू की वीरता को पहचानते हुए, जिला प्रशासन ने नौ मई 2024 को उनके नाम की अनुशंसा जीवन रक्षा पदक के लिए की थी. इसके बाद 11 दिसंबर 2024 को मंत्रिमंडल सचिवालय प्रशासन के आदेश पर यह सम्मान दिया गया.
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विधायक और प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्थानीय विधायक निरंजन राय ने पिंटू के साहस की सराहना करते हुए कहा, “पिंटू ने जो किया, वह सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे समाज का गौरव बढ़ाने वाला है. उनका बलिदान प्रेरणादायक है और यह सम्मान उनकी वीरता को सच्ची श्रद्धांजलि है.”
पिंटू सहनी का बलिदान एक प्रेरणा
पिंटू सहनी का साहस और बलिदान यह साबित करता है कि इंसानियत और बहादुरी किसी उम्र की मोहताज नहीं होती। उनका यह कदम हमें सिखाता है कि दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए खुद को समर्पित कर देना, सच्ची मानवता का परिचय है।