20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bihar News: नीली क्रांति में मुजफ्फरपुर बन रहा मिसाल, खपत से ज्यादा हो रहा मछली का उत्पादन

Bihar News: मछली उत्पादन में मुजफ्फरपुर की आत्मनिर्भरता से अब लोगों को आंध्र प्रदेश पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा है. क्योंकि मुजफ्फरपुर में जरूरत भर मछली का उत्पादन हो रहा है.

विनय कुमार, Muzaffarpur News. नीली क्रांति में मुजफ्फरपुर मिसाल बन रहा है. यहां खपत से ज्यादा मछली का उत्पादन होने लगा है. अब इसे देश के अन्य हिस्सों में भेजने की तैयारी की जा रही है. मछली उत्पादन में मुजफ्फरपुर की आत्मनिर्भरता से अब लोगों को आंध्र प्रदेश पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा है. जिले में प्रतिवर्ष 40.50 हजार मीट्रिक टन मछली मिलने लगी है, जबकि खपत 39.05 हजार मीट्रिक टन ही है. तालाबों की संख्या 3152 है और मत्स्य विभाग कम जगह में भी पालन के लिए लोगों को प्रशिक्षित कर रहा है. उन्हें विभिन्न तरह की योजनाओं का लाभ दे रहा है. यह उपलब्धि इसी का नतीजा है. आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2021-22 में 35.50 हजार मीट्रिक टन और 2022-23 में 40.25 हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन था, जो अब लगातार बढ़ता जा रहा है. यहां रोहू व कतला को विशेष तौर पर तरजीह दी जा रही है.

3500 लोग मछली पालन से जुड़े

मत्स्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 3500 लोग मछली पालन कर रहे हैं. निजी तालाबों की संख्या 1600 व सरकारी तालाब 1552 हैं. इसमें छोटे-बड़े सभी तालाब शामिल हैं. प्रखंड स्तर पर लोग मछली पालन के लिए आगे आ रहे हैं. तालाब तैयार करने से लेकर मछली पालन के लिए विभागीय मदद भी मिल रही है. मछली पालन में आत्मनिर्भर होने से अब मछली का निर्यात भी किया जा रहा है. मछली पालन में ऐसी ही बढ़ोतरी होती रही तो आने वाले दो-तीन वर्षों में जिला उत्तर बिहार का बड़ा मछली निर्यातक बनेगा.

Also Read: 6 साल पहले मर चुकी महिला UP से बरामद, पिता ने ससुरालवालों पर दर्ज कराया था हत्या का केस

किसान पा रहे 75 फीसदी तक की सब्सिडी

मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को तालाब बनाने से लेकर हैचरी व फिश फीड मिल की योजना के लिए मत्स्य विभाग 40 से 75 फीसदी तक अनुदान दे रहा है. इसके कारण मछली पालन के प्रति लोगों का रूझान बढ़ा है. हाल के दिनों में ग्रामीण स्तर पर चौर से लेकर घरों के आसपास छोटे-छोटे तालाब तैयार कर लोग मछली पालन कर रहे हैं. इसके साथ ही बूढ़ी गंडक व बागमती से लेकर जितनी भी नदियां हैं, वहां मछली पालन को लेकर अलग से योजना तैयार की जा रही है, इसके अलावा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना, मुख्यमंत्री तालाब मात्सियकी विकास योजना, उन्नत इनपुट, उन्नत बीज, ट्यूबवेल पंप सेट, एरेटर और निजी तालाबों का जीर्णोद्धार शामिल है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें