Muzaffarpur News: लोक आस्था का महापर्व छठ में लाह की लहठी पहनने का चलन काफी पुराना है. हर साल की तरह इस साल भी छठ पूजा पर लाह की लहठी की डिमांड काफी है. शादीशुदा महिलाओं के बीच लाह की लहठी को काफी पसंद किया जा रहा है. लाह से बनने वाली यह लहठी रंग-बिरंगी और काफी बेहतरीन डिजाइनों में बाजार में उपलब्ध है. महिलाओं के लिए सुहाग और श्रृंगार की लाह की चमक लिए चटकीली गुलाबी, लाल, हरी लहठियों को देखकर कोई उन्हें खरीदे बिना शायद ही रह पा रहा है. बाजार में लहठी की कई नई वेरायटी मौजूद है. इसमें दुल्हन लहठी, राज बड़ा सेट, स्पेशल दुल्हन लहठी, कुंदन कड़ी दुल्हन सेट आदि की मांग अधिक है.
लाह की लहठी को माना जाता है शुभ
लाह की लहठी को बेहद शुद्ध और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. यही वजह है कि महिलाएं हर शुभ अवसर पर लाह की लहठी को जरूर पहनती हैं. लहठी शुभ होने के साथ प्राकृतिक भी है जिस वजह से यह कलाइयों पर किसी भी तरह का दुष्प्रभाव नहीं डालती है. महिलाओं के लिए लहठी सुहाग और श्रृंगार की निशानी है. नवविवाहित महिलाओं के बीच शादी के पहले साल कांच की चुड़ियों की जगह लाह की बनी लहठी पहनने की प्रथा है.
बाजार में सौ रुपये से लेकर 25 हजार तक की लहठी
लाह की नक्काशी व मजबूती के लिए लहठी बनाते समय मुख्य रूप से लाह, नग, स्टीकर व एल्युमिनियम की जरूरत होती है. स्टीकर व नग जयपुर व दिल्ली, लाह व एल्युमिनियम पश्चिम बंगाल से आता है. जिले में लहठी की चुनरी सेट 100 रुपये से लेकर जरी वाली सेट 25 हजार रुपये तक की कीमत में बिक रही है. इन सभी के दाम में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.