Muzaffarpur News: नए साल के मौके पर 124 लोगों को कुत्ते ने काटा, बीते 1 साल में 8000 को बना चुका है शिकार
Muzaffarpur News: जिले में नए साल के मौके पर 124 लोगों को कुत्ते ने काटा है. नए साल का जश्न मनाने निकले लोगों के रंग में आवारा कुत्तों ने भंग डाल दिया. सदर अस्पताल में रैबीज इंजेक्शन लेने वालों की लंबी कतार लगी रही.
Muzaffarpur News: नया साल के जश्न के रंग को कुत्तों के आतंक ने फीका कर दिया. नए साल के मौके पर जिले में 124 लोगों को कुत्ते ने काट लिया. कई लोग तो नये साल का जश्न मनाने के लिए घर से निकले थे, लेकिन कुत्ते के काटने के बाद नये साल को सेलीब्रेट नहीं कर सके. इनमें अधिकतर युवा शामिल थे. सदर अस्पताल में एंटी रैबीज का टीका लेने के लिए लोगों की लंबी भीड़ लगी रही. मुशहरी से आए 22 वर्षीय युवक रोहित कुमार ने कहा कि वह सुबह साइकिल से पूजा के लिए फूल लेने जा रहा था, जैसे ही सड़क पर आया कुत्ते ने दौड़कर पैर में काट लिया. इसके बाद से नये साल का सारा उत्साह खत्म हो गया.
ठंड में अधिक आक्रामक हो जाते हैं कुत्ते
वहीं पशु चिकित्सक डॉ कुमार कांता प्रसाद ने कहा कि ठंड में कुत्तों की सक्रियता कम हो जाती है, इसलिए वह ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं. ऐसे मौसम में हमें कुत्तों से सावधान रहने की जरूरत रहती है. जनवरी से दिसबंर 2024 तक लगभग आठ हजार से ज्यादा लोग सदर अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने पहुंचे हैं. शहरी क्षेत्र में घूमने वाले आवारा कुत्तों को पकड़ने का जिम्मा नगर निगम का है, लेकिन निगम प्रशासन मामला बढ़ने पर एक दो दिन अभियान चला कर बंद कर देता है. शहर में प्रमुख सड़क व चौराहों समेत अधिकांश गलियों में आवारा कुत्ते नजर आ रहे हैं. संख्या अधिक होने से लोगों को कुत्तों के हमला करने का डर रहता है. कई इलाके तो ऐसे हैं जहां रात में गलियों से निकलना दुश्वार हो जाता है.
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जिले में इन जगहों पर कुत्ते आक्रामक
इन दिनों रात में भी कुत्ते आक्रामक हो रहे हैं, इससे राहगीरों की परेशानी बढ़ गयी है. बाइक सवार के पीछे कुत्ते दौड़ पड़ते हैं और काटने की कोशिश करते हैं. शहर के बनारस बैंक चौक, पक्की सराय चौक, अमर सिनेमा रोड, आमगोला रोड, पीएनटी चौक और अखाड़ाघाट रोड स्थित सभी जगहों पर मांस-मछली की दुकानें हैं, वहां के कुत्ते अधिक आक्रमक हैं. इन रास्तों से गुजरने राहगीरों को सचेत रहना पड़ता है. इन इलाकों में कुत्तों की संख्या भी सबसे अधिक है. नगर निगम की ओर से कुत्तों को नहीं पकड़े जाने के कारण शहर में कुत्तों की संख्या अधिक हो गयी है. इनसे बचाव का कोई उपाय नहीं है.
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