Muzaffarpur News: आर्थिक तंगी के कारण जुर्माना की राशि या जमानत की राशि नहीं चुकता करने के कारण कारा से रिहा नहीं हो पा रहे बंदियों के लिए खुशखबरी है. उनकी मदद करने के लिए जिला स्तर पर सशक्त समिति का गठन किया गया है. जिलाधिकारी इस समिति के अध्यक्ष होंगे. एसएसपी सदस्य, जिला एवं सत्र न्यायाधीश के द्वारा नामित न्यायाधीश सदस्य सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सदस्य सचिव व काराधीक्षक सदस्य होंगे. सशक्त समिति सिद्धदोष बंदियों की रिहाई सुनिश्चित कराने के लिए 25 हजार रुपये तक की जुर्माने की राशि को न्यायालय में जमा कराने के लिए स्वीकृत कर सकती है. यदि जुर्माना की राशि 25 हजार से अधिक होगी तो सशक्त समिति की ओर से राज्य स्तर पर गठित पर्यवेक्षण समिति के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा.
हर महीने भेजना है प्रतिवेदन
फिलहाल शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में एक भी बंदी नहीं आवासित है, जिनका जुर्माना की राशि नहीं चुकता करने के कारण कारा से रिहाई नहीं हो पा रही है. सरकार के अपर सचिव सह निदेशक की ओर से जारी निर्देश में जेल अधीक्षक को कहा गया है कि वह प्रत्येक माह अपने जिले में गठित सशक्त समिति के द्वारा आर्थिक तंगी के कारण जुर्माना की राशि नहीं चुका पाने के कारण कारा से रिहा नहीं हो पा रहे सिद्धदोष बंदी या विचाराधीन बंदी को योजना का लाभ दिये जाने से संबंधित प्रतिवेदन को कारा महानिरीक्षक व कारा एवं सुधार सेवाएं को भेजना है.
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केंद्र सरकार के द्वारा वहन की जायेगी राशि
सशक्त समिति का लाभ ऐसे बंदी ले सकते हैं जो सामाजिक रूप से वंचित या कम शिक्षित और निम्न आय वर्ग से जुड़ा हो. वैसे विचाराधीन व सिद्धदोष बंदी जिसे न्यायालय के द्वारा जमानत दिए जाने के बावजूद जमानत की राशि अदा नहीं कर पाने के कारण सात दिनों के अंदर में कारा से रिहा नहीं हो पाया है. इस योजना में खर्च होने वाली राशि केंद्र सरकार के द्वारा वहन की जायेगी. यह राशि केंद्रीय नोडल संस्था राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के बैंक खाते के माध्यम से राज्य की नोडल संस्था गृह विभाग कारा के बैंक खाते में उपलब्ध करायी जायेगी.