Muzaffarpur News: हम में से सभी को समय का पता करने के लिए घड़ी देखनी पड़ती है. कोई अगर किसी से समय पूछे तो वे बिना घड़ी या मोबाइल देखे समय नहीं बता सकता, लेकिन मुजफ्फरपुर में एक ऐसा शख्स है, जो जन्म से अंधा होने के बावजूद सटीक समय बताता है. शख्स ने आज तक कभी घड़ी नहीं देखी, लेकिन समय का अंदाजा इतना परफेक्ट है कि लोग उनसे समय पूछ कर अपनी घड़ी मिलाते हैं.
सेकेंड तक का अंदाजा लगा लेते हैं लखेंद्र
उसका समय बताने का अंदाज इतना सटीक है कि वह घंटा व मिनट ही नहीं बल्कि सेकेंड भी ठीक-ठीक बता लेता है. व्यक्ति की इस प्रतिभा के पूरे शहर के लोग कायल हैं. अक्सर लोग उनसे समय पूछ कर अपनी घड़ी देखते हैं और उन्हें बख्शीश देते हैं. इन्हें भिक्षा मांगने के लिए किसी को कुछ कहना नहीं पड़ता, लोग खुद से ही उसे पैसे दे देते हैं. इस भिक्षुक का नाम लखेंद्र पासवान है. इनकी उम्र करीब 70 साल है.
मन की आंखों से देखता हूं समय: लखेंद्र
लखेंद्र पासवान किसी भी सीजन में चप्पल नहीं पहनते. ये भगवानपुर चौक से रोज बिना चप्पल व हाथ में घंटी वाली छड़ी लेकर निकलते हैं. जिधर पैर बढ़ जाए, उधर चल पड़ते हैं. सुबह से शाम तक बाजार में घूमते हुए जो रकम जमा होती है, उसी से गुजारा करते हैं. लखेंद्र ने बताया कि उनके दो बेटे हैं, एक मैकेनिक है दूसरा ड्राइवर है. पत्नी की मौत दो साल पहले हो गयी थी. नेत्रहीन होने के कारण वह कुछ कर नहीं पाते, इसलिए कोई उनकी देखरेख नहीं करता. भगवानपुर में ही एक घर के बाहर सोते हैं. समय बताने की बात पर वे कहते हैं कि मैं मन की आँखों से देखता हूं. नहीं पता कि घड़ी कैसी होती है.
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जिले में 15 हजार 732 दिव्यांगों को मिल रही पेंशन
रिपोर्ट के अनुसार, जिले में कुल 15 हजार 732 दिव्यांग हैं. इनका यूडीआइडी कार्ड भी बन चुका है. इनमें 7225 लोकमोटर यानी पैर से दिव्यांग, 500 दृष्टि बाधित व अन्य पैर सहित दूसरी तरह के अस्थि रोग से दिव्यांग हैं. सभी का यूडीआइडी कार्ड जारी हो चुका है और इन्हें सामाजिक सुरक्षा कोषांग से प्रति महीने 400 रुपये पेंशन भी मिल रही है. इसके अलावा अन्य सरकारी सुविधाओं का भी लाभ दिया जा रहा है.
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