Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर में कमिश्नर ऑफिस के सामने कंपनीबाग में सड़क के धंसने की चल रही उच्च स्तरीय जांच के बीच स्मार्ट सिटी की निर्माण एजेंसी ने सड़क के नीचे बनी सुरंग को रातों-रात भर दिया है. शुक्रवार की दोपहर जब जांच टीम दोबारा घटनास्थल पर पहुंची, तब सीवरेज की पाइपलाइन और मेनहोल के आसपास सड़क के नीचे एक परत को छोड़ जो सुरंग बनी थी. वह भरा हुआ मिला. जबकि, जांच टीम में शामिल पदाधिकारी और इंजीनियरों ने गुरुवार की शाम सुरंग की तस्वीर भी ली थी. अंधेरा होने के कारण जांच पूरी नहीं हो सकी थी. तब टीम ने दोबारा जांच की बात कही थी. स्मार्ट सिटी की निर्माण एजेंसी द्वारा धंसी हुई सड़क के सुरंग को भर दिये जाने पर आरसीडी के कार्यपालक अभियंता ने सवाल भी उठाया. लेकिन, मौके पर मौजूद निर्माण एजेंसी और स्मार्ट सिटी के जिम्मेदार प्रोजेक्ट इंजार्च के पास कोई जवाब नहीं था. बताया जाता है कि स्मार्ट सिटी के अधिकारी और निर्माण एजेंसी रिपोर्ट को लीपापोती कराने में जुटे हैं. जांच टीम के समक्ष पूर्व की तरह ही कई तरह की दलीलें पेश कर खुद की बचाव की पूरी कोशिश जारी है. बता दें कि पूरे मामले की रिपोर्ट डिप्टी सीएम सह जिले के प्रभारी मंत्री विजय कुमार सिन्हा भी तलब कर चुके हैं. इस कारण स्मार्ट सिटी के अधिकारी व निर्माण एजेंसी में खलबली मची हुई है.
सरैयागंज टावर-सिकंदरपुर रोड में कई जगहों पर धंसी मिली सड़क
पथ निर्माण विभाग और नगर निगम के द्वारा बनायी गयी मजबूत सड़क को काट सीवरेज की पाइपलाइन बिछा दोबारा हुई मरम्मत के कारण शहर की अधिकतर सड़कें धंस गयी है. इसी में मुजफ्फरपुर के सरैयागंज टावर से सिकंदरपुर चौक एवं इस्लामपुर व छोटी सरैयागंज रोड शामिल है. शिकायत के बाद जांच टीम में शामिल इंजीनियर इन सड़कों की भी जांच करायी है. सरैयागंज टावर व इस्लामपुर रोड में सबसे ज्यादा धंसा हुआ मिला है. बता दें कि स्मार्ट सिटी ने पथ निर्माण विभाग से एनओसी लेकर कई बड़ी सड़कों का निर्माण किया है. लेकिन, गुणवत्ता सही नहीं होने के कारण निर्माण के बाद भी सड़क की स्थिति जर्जर है. जिस सड़क पर पहले गाड़ियां सरपट दौड़ रही थी. वह निर्माण के बाद भी गड्ढे में तब्दील हो चुका है.
सही मॉनिटरिंग व तालमेल के अभाव के कारण घटिया निर्माण
शहरी क्षेत्र में स्मार्ट सिटी से जिन-जिन प्रोजेक्ट पर काम हुआ है. इसमें से कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की स्थिति खराब हो गयी है. सूतापट्टी फेस लिफ्टिंग प्रोजेक्ट की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है. दीवारों पर जो कलर हुआ. कुछ महीने में ही बदरंग हो गया. यही हाल सड़क व नाला निर्माण की है. इसके पीछे स्थानीय पार्षद संजय केजरीवाल का कहना है कि सही मॉनिटरिंग नहीं की गयी. इस कारण प्रोजेक्ट की स्थिति इतनी खराब है. घटिया निर्माण और डीपीआर के विपरीत हुए काम के कारण करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है.
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