वैभव सूर्यवंशी के IPL चयन से युवाओं में बढ़ा जोश, मैदान पर जुटे नए सितारे
Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर में खेल के प्रति नजरिया अब पूरी तरह बदल चुका है. जहाँ पहले मध्यमवर्गीय परिवारों में बच्चों को केवल पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहा जाता था, वहीं अब खेल को भी कॅरियर के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है.
Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर में खेल के प्रति नजरिया अब पूरी तरह बदल चुका है. जहाँ पहले मध्यमवर्गीय परिवारों में बच्चों को केवल पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहा जाता था, वहीं अब खेल को भी कॅरियर के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. खासतौर पर क्रिकेट के क्षेत्र में युवाओं और बच्चों का जबरदस्त रुझान देखा जा रहा है.
खेल के प्रति बढ़ते इस जुनून का कारण सरकारी योजनाएँ भी हैं, जैसे “मेडल लाओ, नौकरी पाओ,” जिसने खेल को नई पहचान दी है. क्रिकेट में बच्चों और युवाओं का जुनून उनके अभ्यास में झलकता है. शहर के मैदानों में कोच के निर्देशन में रोजाना पांच -छह घंटे का अभ्यास यह साबित करता है कि वे अपने आदर्श क्रिकेटरों की तरह भारतीय टीम का हिस्सा बनने का सपना देख रहे हैं.
वैभव सूर्यवंशी ने बढ़ाया हौसला
खास बात यह है कि अब लड़कियां भी क्रिकेट के क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाना चाह रही हैं. परिवार का समर्थन मिलने के साथ-साथ उन्हें समाज में एक नई पहचान बनाने की प्रेरणा मिल रही है. हाल ही में समस्तीपुर के वैभव सूर्यवंशी का आईपीएल में चयन होने के बाद मुजफ्फरपुर के युवाओं और बच्चों में एक नया जोश देखने को मिला है। उन्हें विश्वास है कि अपनी मेहनत और लगन से वे भी वैभव की तरह सफलता हासिल कर सकते हैं.
अभिभावकों का बदला नजरिया
सबसे बड़ी बात यह है कि अब अभिभावक भी अपने छोटे बच्चों को क्रिकेट का अभ्यास कराने के लिए कोच के पास भेजने लगे हैं. यह बदलाव न केवल खेल के प्रति उनकी सोच को दर्शाता है, बल्कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के प्रति उनका विश्वास भी बढ़ाता है.
यहां ऐसे की कुछ खिलाड़ियों से बातचीत की गयी है
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में बनाना चाहती हूं पहचान
मैं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट में अपनी पहचान बनाना चाहती हूं. क्रिकेट में रुचि के कारण मैंन क्लब ज्वॉयन किया है. बैटिंग में मेरी रुचि है. मैं बैट्समैन बनना चाहती हूं. इसके लिए अपने कोच से क्रिकेट की सभी बारीकियां सीख रही हूं और रोज अभ्यास करती हूं. मेरे पसंदीदा क्रिकेटर एमएस धोनी और हरमन प्रीत हैं.– गौरी, सातवीं कक्षा, दामुचक
महिला इंडियन टीम में शामिल होना लक्ष्य
मेरा सपना है कि मैं महिला इंडियन टीम का हिस्सा बनूं. इसके लिए मैं रोज चार घंटे क्रिकेट का अभ्यास कर रही हूं. रोज दोपहर दो बजे एलएस कॉलेज के मैदान में पहुंच जाती हूं. मेरी इच्छा बैट्समैन बनने की है, इसके लिए मैं मेहनत कर रही हूं. मेरे कोच मुझे गाइड करते हैं.क्रिकेटर शेफाली वर्मा और एमएस धोनी को फॉलो करती हूं– अन्नया वर्मा, नवम वर्ग, मझौलिया
चार साल से कर रहा क्रिकेट का अभ्यास
मैं चार जिला लीग मैच खेल चुका हूं. पिछले चार साल से क्रिकेट की प्रैक्टिस कर रहा हूं. मैं ओपनर बैट्समैन हूं. मेरी इच्छा इंडियन क्रिकेट टीम में शामिल होने की है. खेल का बेहतर प्रदर्शन कर सकूं. इसकी तैयारी चल रही है. मंजिल अभी दूर है, लेकिन प्रयासरत हूं. मुझे अपनी मेहनत पर भरोसा है.– प्रियाशु कुमार, इंटर, दादर
कोच के निर्देशन में सीख रहा हूं क्रिकेट
पिछले डेढ़ महीने से क्रिकेट का अभ्यास कर रहा हूं. मेरा लक्ष्य क्रिकेटर बनने का है. रोज नियमित अभ्यास करता हूं. मेरी इच्छा बैट्समैन बनने की है. दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक ग्राउंड में रहता हूं. इस दौरान बैटिंग, फिल्डिंग और बॉलिंग का भी अभ्यास करता हूं. मेरे कोच मुझे हर चीज की बारीकियों बताते हैं.– मेराज अख्तर, छठा वर्ग, माड़ीपुर
चार सालों से कर रहा क्रिकेट का अभ्यास
मैंने अब तक चार जिला लीग मैच खेला है. पिछले चार सालों से क्रिकेट का अभ्यास कर रहा हूं. अपने कोच के निर्देशन में बैटिंग के तरीकों को सीखता हूं. मैट और टफ विकेट पर अभ्यास करता हूं. मैं बैट्समैन कीपर हूं. मेरे आदर्श क्विंटन डिकॉक और ऋषभ पंत हैं. मैं भी उन दोनों की तरह बल्लेबाजी करने का हुनर सीख रहा हूं.– आशीष राज, इंटर, आमगोला
वैभव सूर्ववंशी की तरह बनने का जुनून
मैं पांच सालों से अभ्यास कर रहा हूं. मैंने दो बार जिला लीग क्रिकेट खेला है. मैं एक बैट्समैन हूं और इसी रूप में अपनी पहचान बनाना चाहता हूं. इंडियन टीम में शामिल होना और आइपीएल खेलना मेरा लक्ष्य है. जिस तरह वैभव सूर्यवंशी का चयन हुआ है, उसी तरह मेरा भी चयन हो, इसके लिए निरंतर मेहनत कर रहा हूं.– रोहित कुमार, इंटर, बोचहां
घरेलू क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड
वर्ष 2023-24 में बिहार क्रिकेट संघ के घरेलू टूर्नामेंट में मैंने सबसे अधिक विकेट लिया है. मैं लैफ्ट हैंड स्पिनर हूं. निरंतर अभ्यास कर रहा हूं. उम्मीद है कि मेरा चयन होगा. रणजी सहित इंडियन टीम में अपनी जगह बना सकूं, इसके लिए प्रयासरत हूं. मुझे अपनी मेहनत पर भरोसा है, एक दिन मेरा सपना सच होगा– देवाशीष ठाकुर, भगवानपुर
ऑलराउंडर बनने के लिए नियमित कर रहा अभ्यास
तीन महीने से क्रिकेट का अभ्यास कर रहा हूं. कोच के निर्देशन में क्रिकेट सीखता हूं. मैं ऑलराउंडर बनना चाहता हूं. इसके लिए बॉलिंग और बैटिंग का अभ्यास करता हूं. मेरा लक्ष्य इंडियन टीम में शामिल होना है. लगातार अभ्यास से अपने आप को इस योग्य बनाउंगा. क्रिकेट ही मेरा सबकुछ है और यही मेरी मंजिल है.– प्रियांशु कुमार, छठा वर्ग, माड़ीपुर
एक दिन सपना सच होने की उम्मीद
छह महीने से क्रिकेट का अभ्यास कर रहा हूं. लगातार मैच भी खेल रहा हूं. रोज आरडीएस कॉलेज के ग्राउंड में अभ्यास करता हूं. मेरे कोच मुझे क्रिकेट खेलना सिखाते हैं. मैं निरंतर अभ्यास कर रहा हूं. मेरा लक्ष्य इंडियन क्रिकेटर बनना है. इसके लिए कोशिश कर रहा हूं. मुझे उम्मीद है कि एक दिन मेरा सपना सच होगा– शाहिल, इंटर, कच्ची-पक्की
अच्छा क्रिकेटर बनने के लिए कर रहा अभ्यास
छह महीने से क्रिकेट का अभ्यास कर रहा हूं. मैं अभी छोटा हूं, अभी से अभ्यास करूंगा तो बड़े होने तक बहुत कुछ सीख जाऊंगा और एक अच्छा क्रिकेटर बनूंगा. मेरे कोच मुझे बैंटिंग और बॉलिंग करना सिखाते हैं. मैं एमएस धोनी की तरह खेलना चाहता हूं. क्रिकेट खेलने में मुझे बहुत पसंद है.– अवि आर्या, चतुर्थ वर्ग, मलंग स्थान
विराट कोहली की तरह बैटंग करना पसंद
पिछले एक साल से क्रिकेट खेल रहा हूं. विराट कोहली का बैटिंग करना मुझे पसंद है और उन्हीें की तरह बनना चाहता हूं. इसके लिए रोज बैटिंग का अभ्यास करता हूं. स्कूल के कई मैच भी मैंने खेला है. मेरा लक्ष्य इंडियन क्रिकेटर बन कर अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलना है. इसके लिए रोज ग्राउंड में आकर अभ्यास करता हूं.– स्नेह श्रीवास्तव, नवम वर्ग, अघोरिया बाजार
बॉलर बनने का सपना कर रहा अभ्यास
मेरा सपना बॉलर बनने का है. इसके लिए पिछले छह महीने से प्रैक्टिस कर रहा हूं. विराट कोहली मेरे आदर्श हैं. मैं अपने कोच के निर्देशन में सीखता हूं. रोज नियमित अभ्यास करता हूं. इससे आत्मविश्वास आ रहा है. मेरा सपना इडियन क्रिकेट टीम में शामिल होने का है. मैं अपनी मेहनत से सफलता प्राप्त करूंगा– शिवरंजन,अष्ठम वर्ग, कच्ची-पक्की
बैटिंग और बॉलिंग करना सीख रहा
पिछले छह महीने से क्रिकेट खेलना सीख रहा हूं. स्कूल से आने के बाद रोज दोपहर मैदान में आ जाता हूं. मेरे कोच मुझे क्रिकेट के बारे में बताते हैं. कैसे बैटिंग करना है और कैसे बॉलिंग करना है, यह सीखता हूं. कैच कैसे पकड़ा जाता है, यह भी सीख रहा हूं. मैं भी एम एस धोनी की तरह क्रिकेट खेलना चाहता हूं.– आर्यन कुमार, द्वितीय वर्ग, रामदयालु
एक साल से कर रहा क्रिकेट की प्रैक्टिस
पिछले एक साल से क्रिकेट की प्रैक्टिस कर रही हूं. क्रिकेट खेलना मुझे बचपन से ही पसंद था. स्कूली पढ़ाई के समय भी क्रिकेट का अभ्यास करने का मौका नहीं मिल पाया. मैट्रिक के बाद मैंने क्लब ज्वॉयन किया और अब क्रिकेट सीख रही हूं. मेरा सपना भी महिला इंडियन क्रिकेट टीम में शामिल होना है.– सुप्रिया कुमारी, इंटर, भगवानपुर
बैंटिक क्षमता का रोज सुधार कर रही
पिछले साल से क्रिकेट की प्रैक्टिस कर रही हूं. अपने कोच के निर्देशन में क्रिकेट खेलती हूं. मैं एक बैट्समैन हूं और अपनी खेल क्षमता में रोज सुधार कर रही हूं. मेरी आदर्श स्मिति वांदना और हरमन प्रीत कौर हैं. मैं उन्हीें की तरह खेलना चाहती हूं. इसके लिए रोज प्रैक्टिस कर रही हूं. उम्मीद है मैं अपने लक्ष्य पाने में कामयाब रहूंगी.– मुस्कान, इंटर, खबड़ा
कोच के निर्देशन में रोज कर रहा प्रैक्टिस
मैं एक बैटसमैन बनना चाहता हूं. इसके लिए रोज अभ्यास कर रहा हूं. अपने कोच के निर्देशन में प्रैक्टिस कर रहा हूं. मेरा लक्ष्य अच्छा बैट्समैन बन कर राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय मैच खेलना है, इसलिए मैं नियमित प्रैक्टिस कर रहा हूं. मैं अपनी मेहनत से अपनी मंजिल प्राप्त करूंगा यह विश्वास है– शीर्ष कश्यप, चतुर्थ वर्ग, भगवानपुर
रोहित शर्मा की तरह क्रिकेटर बनने का सपना
मैं राइट हैंड ओपनर बैट्समैन हूं. तीन जिला लीग मैच खेल चुका हूं. मेरा लक्ष्य एक अच्छा क्रिकेटर बन कर राष्ट्रीय टीम में शामिल होना है. इसके लिए नियमित अभ्यास कर रहा हूं. मेरा लक्ष्य एक अच्छा क्रिकेटर बनने का है. इसके लिए रोज मेहनत कर रहा हूं. मैं रोहित शर्मा की तरह क्रिकेटर बनना चाहता हूं.– मो इमरान, सप्तम वर्ग