Muzaffarpur news: मुजफ्फरपुर नगर निगम ने जो जमीन नैवेद्यम प्रसाद की बिक्री के लिए बाबा गरीबनाथ मंदिर को दी थी, उस पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दावा ठोका है. वक्फ बोर्ड के दावों के अनुसार, यह जमीन गलत तरीके से 2022 के नगर आयुक्त विवेक रंजन ने बिना वक्फ की सहमति के श्री गरीबनाथ मंदिर न्यास समिति को दी थी. हालांकि, मंदिर न्यास समिति ने अब तक इस जमीन का उपयोग नहीं किया है.
स्टेट वक्फ ट्रिब्यूनल में चल रही है सुनवाई
वक्फ बोर्ड ने इस मामले को मुजफ्फरपुर नगर निगम के खिलाफ बिहार स्टेट वक्फ ट्रिब्यूनल में उठाया है, जहां केस की सुनवाई चल रही है. इस मामले में अगली सुनवाई 28 जनवरी 2025 को होगी. वक्फ ट्रिब्यूनल ने मुजफ्फरपुर के डीएम और मुशहरी सीओ से इस मुद्दे पर जवाब मांगा है.
विवादित जमीन का इतिहास
जानकारी के अनुसार, यह विवादित जमीन जिले के छाता बाजार में स्थित है, जिसे 1989 में वक्फ बोर्ड से निबंधित किया गया था. वक्फ स्टेट के मो. कमाल अहमद ने वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को लेटर लिखते हुए इस विवादित जमीन की जांच करने की अपील की थी, जिसमें यह दावा किया गया था कि इमामबाड़ा की जमीन को मंदिर न्यास समिति को प्रसाद वितरण के लिए दे दिया गया है. साल 2022 में, श्रावणी मेला के दौरान भीड़ को ध्यान में रखते हुए जिले के नगर आयुक्त विवेक रंजन ने 270 वर्ग फीट की इस जमीन को मंदिर समिति को अस्थायी रूप से प्रसाद वितरण के लिए उपयोग करने की अनुमति दी थी. हालांकि, वक्फ बोर्ड ने इसे अवैध करार दिया और नगर निगम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
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लंबे समय से चलता आ रहा है जमीन पर विवाद
जिले के एसडीएम अमित कुमार ने बताया कि यह जमीन का विवाद कोई नया नहीं है. यह विवाद लंबे समय से चलता आ रहा है. 13 दिसंबर 2024 को इस मामले में सुनवाई हुई थी, और अगली सुनवाई 28 जनवरी 2025 को होनी है, जिसमें अंचलाधिकारी अपना जवाब पेश करेंगे. फिलहाल, यह जमीन खाली पड़ी है, और मंदिर न्यास समिति का यहां कोई कब्जा नहीं है.