Muzaffarpur: SKMCH में अब जमीन पर नहीं होगा किसी का इलाज, 200 बेड का बनेगा इमरजेंसी वार्ड
Muzaffarpur: मुजफ्फरपुर. एसकेएमसीएच में 200 वेड का नया आपातकालीन वार्ड बनाया जायेगा. यह उत्तर बिहार का सबसे बड़ा आपातकालीन वार्ड होगा.
Muzaffarpur: मुजफ्फरपुर. एसकेएमसीएच में अब जमीन पर किसी का इलाज नहीं होगा. अस्पताल में 200 बेड का नया इमरजेंसी वार्ड बनाया जायेगा. अभी इमरजेंसी में मात्र 45 बेड ही हैं, जिस कारण अस्पताल में जितने मरीज आते हैं, उस हिसाब से उनको बेड नहीं मिल पाता. अधीक्षक डॉ. कुमारी विभा ने बताया कि इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. रोगी कल्याण समिति की बैठक में पास करवा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. एसकेएमसीएच में अभी हाल में ही 20 बेड का नया इमरजेंसी वार्ड बनाया गया है. बावजूद बेड की किल्ल्त बनी रहती है. 200 बेड लग जाने के बाद यह उत्तर बिहार का सबसे बड़ा इमरजेंसी केयर यूनिट होगा.
बेड की कमी, जमीन पर होता है इलाज
एसकेएमसीएच की इमरजेंसी में हर दिन लगभग 500 मरीज आते हैं. बेड नहीं मिलने पर मरीजों को जमीन पर लिटाकर इलाज किया जाता है. कई बार गंभीर मरीजों को भी बेड नहीं मिल पाता है. एसकेएमसीएच में मुजफ्फरपुर के अलावा उत्तर बिहार के शिवहर, सीतामढ़ी, बेतिया, मोतिहारी और वैशाली जिले से भी मरीज आते हैं. पीएचसी से मारपीट के मरीज को भी यहां रेफर कर दिया जाता है. एसकेएसमीएच में 200 बेड की इमरजेंसी खुल जानेके बाद यह उत्तर व पूर्व बिहार में सबसे बड़ी इमरजेंसी होगी. बेतिया मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में 12 बेड हैं. दरभंगा मेडिकल की इमरजेंसी में 21 और भागलपुर मेडिकल कॉलेज की इमजरेंसी में 25 बेड हैं. डॉक्टरों का कहना है कि यह अस्पताल के लिए बड़ी उपलब्धि होगी.
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एसकेएमसीएच मेंमरीजों के लिए लगेगी लिफ्ट
अधीक्षक ने बताया कि एसकेएमसीएच की इमरजेंसी दूसरी जगह भी शिफ्ट की जा सकती है. इसके लिए अगले महीने जगह चिन्हित की जायेगी. अभी जहां इमरजेंसी है, वहां 200 बेड का वार्ड नहीं तैयार किया जा सकता. एसकेएमसीएच इमरजेंसी के लिए पीकू के आसपास की जगह देखी जा सकती है. जुलाई में रोगी कल्याण समिति की आयोजित बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जायेगा. यहां से पास हो जाने के बाद प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा जायेगा. इसके अलावा एसकेएमसीएच में मरीजों के लिए लिफ्ट भी लगाई जायेगी. रोगी कल्याण समिति के समक्ष इस प्रस्ताव को भी रखा जायेगा. मरीजों को अभी ऊपरी मंजिलों पर जानेके लिए रैंप या सीढ़ी का सहारा लेना पड़ता है. लिफ्ट लग जाने से दिव्यांग मरीजों को लाभ होगा. इसके अलावा अस्पताल में दिव्यांग मरीजों के लिए व्हील चेयर भी लगाये जा रहे हैं.