मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना की राशि जारी, इन दर्जनों लाभार्थियों के खाते में नहीं पहुंची किस्त

लघु उद्यमी योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए चयनित लाभार्थियों के लिए उद्योग विभाग द्वारा प्रथम किस्त की राशि जारी कर दी गई है. लेकिन, मुजफ्फरपुर जिले के दर्जनों चयनित लाभुकों के खाते में यह राशि नहीं पहुंची है.

By Anand Shekhar | March 9, 2024 6:53 AM

मुजफ्फरपुर. उद्योग विभाग की ओर से लघु उद्यमी योजना के तहत वित्तीय वर्ष-2023-24 के लिये चयनित लाभुकों के खातों में प्रथम किस्त की राशि जारी की गयी है. हालांकि मुजफ्फरपुर जिले में दर्जनों चयनित लाभुकों के खाते में यह राशि नहीं पहुंची है. आंकड़ों के तहत जिला में अलग-अलग कैटेगरी में 2,191 अभ्यर्थी चयनित हुए थे. राशि नहीं पहुंचने की शिकायत सूबे स्तर के कई जिलों से सामने आयी है.

इस मामले में उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक ने चयनित लोगों के लिये सूचना जारी की है. जिसमें बताया है कि बिहार लघु उद्यमी योजना 2023-24 के सभी चयनित लाभुकों के बैंक खातों में प्रथम किस्त 50 हजार की राशि भेज दी गयी है. यदि किसी लाभुक के खाते में राशि नहीं आयी है, तो वे उद्योग विभाग के कॉल सेंटर (18003456214) नंबर पर कार्य दिवस में सुबह 10 से शाम 6 बजे तक कॉल कर सकते है.

वहीं इस समस्या को लेकर जिला उद्योग केंद्र में महाप्रबंधक से संपर्क करने की बात कही गयी है. मुजफ्फरपुर से जीतेश कुमार, रवि कुमार, रौशन कुमार ने शिकायत की है, कि उन लोगों के बैंक खाते में राशि नहीं पहुंची है.

लाभुक को तीन किस्त में मिलेंगे 2 लाख

बता दें कि बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत 5 फरवरी से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. वहीं 20 फरवरी आवेदन की अंतिम तिथि थी. योजना के तहत चयनित प्रत्येक परिवार में एक लाभुक को 2 लाख रुपये की राशि तीन किस्तों में देने का प्रावधान है. जाति आधारित गणना में राज्य के गरीब परिवारों में 18 से 50 आयु वर्ग के युवा इस योजना के लिये आवेदन कर सकेंगे, यह गाइड लाइन जारी किया गया था. इससे छोटे-छोटे उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. खुद के उद्योग के प्रति लोगों का रुझान बढ़ेगा.

मुजफ्फरपुर इन कैटेगरी में चयनित अभ्यर्थी

  • एसी कैटेगरी में – 543
  • एसटी कैटेगरी में – 11
  • जेनरल कैटेगरी में – 304
  • इबीसी कैटेगरी में – 830
  • बीसी कैटेगरी में – 503

सबसे अधिक इन क्षेत्रों में उद्यमियों का रुझान

  • बिंदी व मेंहदी उत्पादन
  • मशाला उत्पादन
  • आटा सत्तू बेसन उत्पादन
  • लेदर बैग बेल्ट निर्माण
  • पापड़ व बड़ी उत्पादन
  • रेडिमेड वस्त्र निर्माण
  • फलों के जूस की यूनिट
  • मोमबत्ती उत्पादन
  • मिट्टी का बर्तन व खिलौना उत्पादन
  • मोबाइल व एवं चार्जर रिपेयरिंग यूनिट- मिठाई उत्पादन
  • टू व्हीलर रिपेयरिंग सेंटर

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