मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर के डेवलपमेंट पर 564 करोड़ रुपये खर्च हो चुके है. मिशन की ओर शहर से जुड़ी 28 योजनाओं में 20 योजना पूरी हो चुकी है. भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी को लेकर हुए अब तक के कार्य के बारे में अपडेट रिपोर्ट से अवगत कराया है.
बता दें कि बीते 7 फरवरी को सदन में स्मार्ट सिटी के कार्य में तेजी लाने को लेकर लोकसभा के सांसद सदस्य अजय निषाद ने सवाल उठाया था. जिसके बाद मंत्रालय की 22 मार्च को इसका जवाब भेजा गया है. हालांकि पूरी हुई 20 योजनाओं में मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से जो अपडेट रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी गयी, उसमें कई योजनाएं अभी भी अधूरी है.
दूसरी ओर कई ऐसी योजनाएं है, जिसे आनन-फानन में बगैर प्लानिंग के पूरा कर दिया गया, जो फिलहाल बदहाल स्थिति में है. करोड़ों खर्च होने के बाद भी शहर में लोगों को अभी भी चौतरफा खतरनाक गड्ढों का सामना करना पड़ रहा है.
इन योजनाओं को पूरा बताया, इनका हाल जाने
- सीवरेज का विकास (पहला चरण ) – अभी तक सीवरेज सिस्टम शहर में नहीं शुरू हो सका है.
- इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर – अधिकांश चौराहों पर ट्रैफिक सिस्टम चालू होने के बाद हुआ बंद
- सिकंदरपुर मन के विकास का पहला चरण – चौतरफा मिट्टी की हुई भराई
- नगर निगम की जमीन पर म्युनिसिपल शॉपिंग मार्ट – अभी तक नहीं हुआ चालू
- सिकंदरपुर से लक्ष्मी चौक तक झील मार्ग का विकास – अभी भी सड़क अधूरी है.
- स्मार्ट मिनी बस और ई-रिक्शा पड़ाव शेड – शहर में निर्माण के बाद बदहाल स्थिति में
ये महत्वपूर्ण योजनाएं, जिस पर काम चल रहा है
- इंटीग्रेटेड टर्मिनल बस स्टैंड
- सिकंदरपुर मन के विकास का दूसरा चरण
- स्टेशन से एमआइटी स्पाइनल सड़क
- सीवरेज विकास का दूसरा चरण
- प्रमुख सड़कों के साथ सीबीडी क्षेत्र का फेस लिफ्टिंग
- पेरिफेरल सड़क, एबीडी के साथ अखाड़ाघाट से रेलवे स्टेशन तक
- मल्टीपर्पज खेल स्टेडियम
शहर में अभी 402 करोड़ खर्च होना बाकी
मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी की चयनित योजनाओं की लागत 966 करोड़ रुपये है. जिसमें 564 करोड़ रुपये अभी तक खर्च हो चुका है. आंकड़ों के अनुसार अभी शेष बची 8 योजनाओं पर 402 करोड़ रुपये खर्च होना बाकी है. मंत्रालय की ओर से जारी प्रोफाइल के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर काम के मामले में मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी का रैंक 75वां है. हालात यह है कि लगभग योजनाएं एग्रीमेंट के अनुसार अपने तय समय पर पूरी नहीं हुई. जिसके कारण समय विस्तार दिया गया है.